तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद पर विवाद:| गाय का गोश्त, सुव्वर की चर्बी, मछली का तेल के मिश्रण का आरोप

 तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद पर विवाद:| गाय का गोश्त, सुव्वर की चर्बी, मछली का तेल के मिश्रण का आरोप

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली – तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम को लेकर देश भर के हिन्दुओं में ख़ासा विवाद खड़ा हो गया है। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पिछली सरकार के दौरान लड्डू प्रसादम में गाय के गोश्त, सुव्वर की चर्बी और मछली के तेल का जमकर इस्तेमाल किया गया है जो की हिन्दुओं की भावनाओं पर गहरा आघात है |

टीडीपी का यह दावा एक लैब रिपोर्ट के आधार पर है, जिसमें कहा गया है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा तैयार किए जाने वाले लड्डुओं में मांसाहारी  तत्व पाए गए हैं जिसमें जानवरों के गोश्त और चर्बी का जमकर इस्तेमाल किया गया है । इसके बाद, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने इस मुद्दे की न्यायिक जांच की मांग की है और मामले को हाईकोर्ट में ले जाया गया है।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु का बयान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु ने इस रिपोर्ट के बाद कहा कि तिरुपति के प्रसादम में गोश्त और चर्बी का मिलाया जाना धार्मिक भावनाओं का अपमान है और इसमें शामिल सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अधिकारियों को इस मुद्दे पर बर्खास्त किया जा चुका है, और जांच जारी है।

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वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का पलटवार

वाईएसआरसीपी ने टीडीपी के आरोपों को साजिश करार दिया और इस मुद्दे की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस विवाद को लेकर हाईकोर्ट में 25 सितंबर को सुनवाई की जानी है, जिसमें इस रिपोर्ट और आरोपों की सच्चाई पर चर्चा की जाएगी।

TTD की प्रतिक्रिया

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रसादम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष चार-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

धार्मिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हंगामा खड़ा कर दिया है। भाजपा नेता और अन्य धार्मिक संगठनों ने इस आरोप की कड़ी निंदा की है और सरकार से तिरुपति लड्डू की पवित्रता और धार्मिकता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है।

इस विवाद से तिरुपति के प्रसाद की विश्वसनीयता और उसकी धार्मिक महत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हिन्दू भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना आवश्यक है। लेकिन साथ ही सवाल यह भी उठता है की देश भर की बाकि मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद कितने विश्वसनीय हैं? किया इनपर कभी किसी कमिटी ने जांच की है की उसमें ना जाने किस प्रकार के तत्व शामिल होते हैं? कहीं गोमूत्र मिलने का दावा किया जाता है तोह कहीं उसे बनाने की प्रक्रिया पर गहरा सवाल उठाया जाता है? किया मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद सुरक्षित हैं?

नायडू के राज्‍य में सहयोगी दल जन सेना पार्टी ने के नेता व आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जानवर की चर्बी (फिश ऑयल, पोर्क और बीफ फैट) मिलाए जाने की पुष्टि से हम बहुत परेशान हैं। 

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