मुसलमानों से नफ़रत तोह 4 मिलियन हिन्दू इस्लामिक देश में कर क्या रहे हैं ! If Hindus Hate Muslims Then What 4 Million Hindus Doing In Islamic Countries?
मुसलमानों से नफ़रत तोह 4 मिलियन हिन्दू इस्लामिक देश में कर क्या रहे हैं ! If Hindus Hate Muslims Then What 4 Million Hindus Doing In Islamic Countries?
भारत हिंदुत्व आतंकवादियों और हिन्दू कट्टरपंथियों का हॉटबेड बन चूका है जहाँ हर आये दिन हिन्दू कट्टरपंथी समुदाय मुसलमानो और इस्लाम पर निशाना साधते रहते हैं, कभी मोब लिंचिंग करते हैं तोह कभी हिंदुत्व आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर दंगबाज़ी करते हैं; मस्जिदों को जलाते हैं, आतंकवाद फैलते हैं, बलात्कार जैसी घिनौनी और मानवता को शर्मशार करने वाले कार्य में लिप्त होते हैं और इसपर हिंदुत्व नेशनलिस्ट बीजेपी सरकार पूरी तरह से मौन रहती है गोया इनके संरक्षण में इन हिंदुत्व आतंकवादियों और हिन्दू कट्टरपंथियों को छूट दी जाती है |
बता दें की 4 मिलियन से ज़्यादा हिन्दू समुदाय मुस्लिम देशों में काम करता है और वहां बेहतर स्विधाएँ हासिल करते है; बड़े बड़े उहदों से लेकर हर छोटे बड़े ओहदों पर यह समुदाय क़ाबिज़ है जबकि मुसलमानो की संख्या बेहद कम है ! यह हिन्दू कट्टरपंथी समुदाय कमाते तोह मुस्लिम देशों में हैं मगर यह कट्टरपंथी हिन्दू समुदाय की सहानभूति भारत में चरमपंथी सत्ता पर क़ाबिज़ बीजेपी सर्कार और मोदी से जुडी होती है ! मुस्लिम देशों में रहते हुए यह कट्टरपंथी हिन्दू समुदाय, हिन्दू आतंकी संस्थाओं जैसे आरएसएस, बजरंगदल, विश्व हिन्दू परिषद्, हिन्दू महासभा से पूरी सहानभूति और हमदर्दी रखते हैं !
अपने कमाई का एक हिस्सा यह हिन्दू कट्टरपंथी समुदाय भारत में आतंक मचा रहे आतंकवादी समूहों को फंड के तौर पर भेजता है जिसका इस्तेमाल यह हिंदुत्व आतंकवादी समूह मुसलमानो पर अत्त्याचार करने और इस्लाम के खिलाफ गतिविधियों में सर्फ करता है |
सिर्फ इतना ही नहीं ; मुस्लिम देशों में यह हिन्दू समुदाय हर तरह के लाभ उठाता है, मौज की ज़िन्दगी गुज़रता है फिर भी वह मुसलमानो और इस्लाम के प्रति वफादार नहीं होते और इस्लाम के खिलाफ ज़हरीली मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए नज़र आते हैं जिसके कारन पिछले कई सालों में ऐसे कई हिंदुत्व कट्टरपंथियों को नौकरी से हाथ भी धोना पड़ा है मगर इसके बकाजूद यह कट्टरपंथी हिन्दू समुदाय अपनी घिनौनी मानसिकता को दर्शाते रहते हैं !
इनसब के बावजूद बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, यमन और ओमान में हिंदू मंदिरों का निर्माण भी किया गया है। बता दें की 2020 के सर्वे के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात में 10 लाख, सऊदी अरबिया में 5 लाख, कुवैत में 4 लाख 25 हज़ार, क़तर में 3 लाख 35 हज़ार, यमन में तक़रीबन 3 लाख, ओमान में 2 लाख 80 हज़ार, बहरीन में लगभग 2 लाख, तुर्की में लगभग 1 लाख के क़रीब हिन्दू रहते हैं, इसके इलावा और भी कई मुस्लिम देश हैं जहाँ यह कट्टरपंथी हिन्दू समुदाय बड़े सुकून और मज़े की ज़िन्दगी गुज़रता है और अपनी आमदनी का एक हिस्सा हिन्दू आतंकवादी समूहों, मंदिरों, कट्टरपंथी जमातों को भेजता है !
भारत में मुसलमानों के लिए रोजगार, शिक्षा और आवास [पीडीएफ] सहित दूसरे क्षेत्रों में हिन्दुओं द्वारा भेदभाव को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। कई मुसलमानो को हर आये दिन राजनीतिक शक्ति बनने में रुकावट, कारोबार करने में बाधा यहाँ तक के स्वस्थ्य सम्ब्नधि छेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है, स्वास्थ्य देखभाल के इलावा बुनियादी सेवाओं को भी हासिल करने में कठिनाईओं का सामना हैं । इसके अलावा, मुसलमनो को अक्सर संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद भेदभाव झेलने के बाद भी न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं जिसमें एक पूरी पीड़ी गुज़र जाती हैं और उसके बावजूद भी इन्साफ नहीं दिया जाता।
ब्राउन यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर का कहना हैं की
"जितने अधिक समय तक हिंदू राष्ट्रवादी सत्ता में रहेंगे, मुसलमानों की स्थिति में उतना ही अधिक परिवर्तन और गिरावट आएगा और ऐसे परिवर्तनों को उलटना उतना ही नामुमकिन होगा"
कई विदेशी सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय निकायों ने कश्मीर में कार्रवाई और नागरिकता संशोधन अधिनियम को विशेष चिंता का विषय बताते हुए भाजपा के मुसलमानों के साथ भेदभाव की निंदा की है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने CAA कानून को "मौलिक रूप से भेदभावपूर्ण" बताया और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता व्यक्त की कि यह मुसलमानो को स्टेटलेस बना सकता है। कई मुस्लिम-बहुल देशों और मुस्लिम अरब कार्यकर्ताओं ने भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया के खिलाफ आवाज उठाई है। सत्तावन सदस्य देशों के एक समूह इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भारत को "इस्लामोफोबिया के बढ़ते ज्वार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने" की सलाह दी है।
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