राम मंदिर मुद्दा: जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा "हम संसद में अध्यादेश का करेंगे विरोध" | Ram Temple: Janata Dal (United) Said "We Will Oppose Ordinance In Parliament".

राम मंदिर मुद्दा: जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा "हम संसद में अध्यादेश का करेंगे विरोध" | Ram Temple: Janata Dal (United) Said "We Will Oppose Ordinance In Parliament".

babri-masjid-ke-liye-ordinance-bhajpa-kab-layegi
महासचिव राम चंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी पारस्परिक सहमति से अदालत में इस मुद्दे को हल करने के अपने पहले वाले स्टैंड पर टिकी रहेगी।

जनता दल (यूनाइटेड) के एक नेता ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की सुविधा के लिए लाये जा रहे अध्यादेश के खिलाफ अपना स्टैंड लेगी यदि इसे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा लाया जाता है तो। बता दें की नीतीश कुमार की अगुआई वाली पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन में है।

जेडी (यू) के राष्ट्रीय महासचिव राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पार्टी अपने पहले के स्टैंड पर रहेगी और राम मंदिर के मुद्दे को समुदायों के बीच पारस्परिक सहमति से हल किया जाएगा या कानूनी तरीके से अदालत के द्वारा तय किया जाएगा।

सिंह ने पटना में संवाददाताओं से कहा, "समता पार्टी के दिनों से ही, हम आपसी सहमति या अदालत के आदेश के माध्यम से विवाद को सुलझाने के प्रस्ताव के पक्ष में हैं।" "हमने कोई तीसरा विकल्प नहीं लिया।"

सिंह, जो राज्यसभा में जेडी (यू) नेता हैं, ने कहा कि राम मंदिर मामले पर पार्टी के रुख के संबंध में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। "यदि मंदिर के निर्माण की सुविधा के लिए अध्यादेश जारी किया जाता है, तो हमारी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।"

पार्टी के नए नियुक्त उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पहले राम मंदिर मुद्दे पर अस्वीकृति व्यक्त की थी। किशोर ने पत्रकारों को कहा की नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव इस तरह के भावनात्मक मुद्दे का सहारा लेते हुए जीता था।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और कई हिंदू धार्मिक नेताओं ने सरकार से मंदिर के निर्माण के लिए एक अध्यादेश पारित करने के लिए बार बार कहा है। आरएसएस के महासचिव भैय्याजी जोशी ने आक्रामक रूप लेते हुए कहा कि संघ परिवार मंदिर के लिए अयोध्या में आंदोलन शुरू करने में कोई संकोच नहीं करेगा, जैसा कि हमने इस से पहले 1992 में किया था और विवादित मस्जिद को गिरा दिया था।

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले, शिवसेना ने 10 दिसंबर को कहा था कि यदि सरकार इस तरह के बिल पेश नहीं करती है तो वह संसद को कार्य करने की अनुमति नहीं देगी।

टिप्पणियाँ