उत्तर प्रदेश के अमरोहा में निर्दोष दलित शख्स की पुलिस हिरासत में मौत | Amroha Uttar Pradesh; Innocent Dalit Man Dies In Police Custody.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में निर्दोष दलित शख्स की पुलिस हिरासत में मौत | Amroha Uttar Pradesh; Innocent Dalit Man Dies In Police Custody.
परिवार वालों ने मीडिया को बताया की वह निर्दोष था और उसे झूठे केस में जानबूझ कर फंसाया गया, फिर पुलिस वालों ने उसे रिहा करने के लिए परिवार से 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में स्थित पुलिस थाने में बुधवार को एक 30 वर्षीय दलित की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत से मामला गरमा गया है। मृतक की पत्नी ने पुलिस वालों पर आरोप लगाया कि चार बच्चों के इस पिता को पुलिसकर्मियों ने मौत के घाट उतार दिया, जिन्होंने उसे छोड़ने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी।
पुलिस ने कहा कि धनौरा के बस्सी शेरपुर गांव के 30 वर्षीय बाल किशन को मंगलवार रात एक वाहन चोरी मामले में पूछताछ के लिए उठाया गया था। वह संदिग्ध नहीं था, लेकिन हाल ही में उसने एक दूसरे पुराना स्कूटर खरीदा था जो चोरी हो गया था और जिसके शक में पुलिस ने उसे उठाया था।
धनौरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अरविंद शर्मा ने कहा, “उस दलित ने हाल ही में एक चोरी हुआ स्कूटर खरीदा था। हम उस व्यक्ति के बारे में जानना चाहते थे जिसने उसे बेचा था और इसी लिए उस से पूछताछ कर रहे थे” । दलित शख्स की हिरासत में मौत के विरोध के बाद इस थाना प्रभारी को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस का दावा है कि हिरासत में रहने के दौरान बाल किशन बीमार पड़ गया और उसे बुधवार सुबह जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
लेकिन वहीँ दूसरी तरफ मृतक किशन की पत्नी कुंती देवी ने मीडिया को यह बताया कि शनिवार को उनके पति का पुलिस ने अपहरण कर लिया था और उन्हें थाने ले जा कर पीट-पीटकर मार डाला गया।
उन्होंने आगे यह भी बताया की “पुलिस साफ़ साफ़ झूठ बोल रही है कि उसे मंगलवार को उठाया गया था। दरअसल, पुलिस ने शनिवार को उसका अपहरण कर लिया था। हम उनसे मिलने एक दिन में कई बार पुलिस स्टेशन आते थे। कुंती ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस मृतक को हवालात में बंद करके पीट रही थी और यह स्वीकार करने के लिए दबाव बढ़ा रही थी कि वह एक वाहन चोर है।
दंपति के चार छोटे बच्चे हैं, जिनकी उम्र 2 साल से 8 साल के बीच है।
“पुलिस उसे रिहा करने के लिए 5 लाख रुपये की मांग कर रही थी। हमने उन्हें मंगलवार को 1 लाख रुपये भी दिए थे, लेकिन उन्होंने उसे आखिर जान से मार डाला।
पास का रहने वाला राज कुमार, गाँव निवासी, ने कुंती के इस आरोप का समर्थन किया और कहा: “हमने 1 लाख रुपये नकद इखट्टा करके सब-इंस्पेक्टर को इस उम्मीद के साथ दिया कि वे किशन को छोड़ देंगे। लेकिन उन्होंने उसे मार दिया।”
किशन एक छोटा किसान था जो बड़े जमींदारों के खेतों में एक मजदूर के रूप में काम किया करता था।
उनकी पत्नी ने कहा कि ग्रामीणों के अस्पताल जाने पर उन्होंने और हम सब ने यह देखा की किशन के शरीर, पीठ और जांघों पर गंभीर चोट के निशान मौजूद थे।
ग्रामीणों को सुबह 9.30 बजे किशन के मौत की जानकारी मिली और विरोध प्रदर्शन शुरू किया, ग़ुस्साये ग्रामीणों ने बदायूं-पानीपत राजमार्ग को लगभग तीन घंटे तक अवरुद्ध कर दिया और दो जीपों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
अमरोहा के पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार ने कहा। "युवक की मौत के बाद धनौरा थाना प्रभारी अरविंद शर्मा सहित 11 पुलिसकर्मियों को हमने निलंबित कर दिया है। जांच के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे।"
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