हनुमान के बाद, योगी आदित्यनाथ ने रामायण लेखक वाल्मीकि को बताया दलित, हुआ विवाद | After Hanuman, Yogi Adityanath told Ramayana author Valmiki, Dalit, Big controversy.
हनुमान के बाद, योगी आदित्यनाथ ने रामायण लेखक वाल्मीकि को बताया दलित, हुआ विवाद | After Hanuman, Yogi Adityanath told Ramayana author Valmiki, Dalit, Big controversy.
नई दिल्ली: फायरब्रांड हिन्दू नेता के रूप में उभरे योगी आदित्यनाथ जहाँ जाते हैं अपने साथ विवादों की झड़ी लगाते जाते हैं । पहले हिन्दुओं के भगवन हनुमान को दलित कहा और अब उत्तर प्रदेश के इस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण के लेखक वाल्मीकि को दलित बताते हुए एक नया विवाद खड़ा कर दिया है जिस से कुछ हिन्दू समुदायों में काफी गुस्सा है। कट्टरपंथी हिन्दू नेता योगी ने शनिवार को अयोध्या में मजमे को खिताब करते समय, महर्षि वाल्मीकि को दलित बता दिया जिसके बाद योगी ने संत समाज द्वारा खूब सारी आलोचनाओं को आमंत्रित कर लिया।
आदित्यनाथ ने अयोध्या में कहा "महर्षि वाल्मीकि वह व्यक्ति थे जिन्होंने हमें भगवान राम के बारे में बताया लेकिन इसके बाद भी हम दलितों को जो वाल्मीकि समुदाय से आते हैं अछूत मानते हैं।, जब तक हम इस पाखंड को रोक नहीं देते, तब तक हमें वाल्मीकि का आशीर्वाद नहीं मिलेगा।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी और विभिन्न संतों ने आदित्यनाथ की इस टिप्पणी से नाराज़गी ज़ाहिर की।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष ने योगी के इस बयान पर तेजी से प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे भगवान राम और संत समाज का अपमान कहा। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि रामायण के लेखक थे और उनका दलित तथा वाल्मीकि समुदाय के साथ किसी भी तरह का कोई भी संबंध नहीं था "जो अनुसूचित जाति से संबंधित माना जाता है"।
"राजनीती में बने रहने के लिए, लोगों ने अब अपने गोत्र को दिखाना शुरू कर दिया है। जो लोग कहते थे कि हम गलती से हिंदू हैं, आज वे महसूस कर रहे हैं कि वे गलत थे और वह ना सिर्फ हिन्दू हैं बल्कि सनातन धर्म के अनुयायी भी हैं। भाजपा के सत्ता में आसीन होने के बाद हिन्दुओं ने अब अपने गोत्र को याद करना शुरू कर दिया है। मैं बहुत प्रसन्न हूँ क्योंकि यह सनातन धर्म की जीत है, "आदित्यनाथ ने वहां मौजूद हिन्दुओं को कहा।
बता दें की इस से पहले भी आदित्यनाथ ने हिंदू भगवान; भगवान हनुमान को दलित कहा था जो एक चर्चा का विषय बन गया था और अब उन्होंने वाल्मीकि को दलित की श्रेणी में ला खड़ा किया है। अलवर की मालपुरा विधानसभा सीट में भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करते समय उन्होंने टिप्पणी की। आदित्यनाथ ने कहा कि हनुमान वनों में रहते थे, और वह साथ ही एक दलित भी थे इसलिए उन्हें समाज से बाहर रखा गया था। उन्होंने आगे कहा कि "उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम" तक का पूरा भारतीय समुदाय आज हनुमान के लिएएकजुट है, "धन्यवाद"।
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