भारत भुकमरी इंडेक्स में 103 के पार; मोदी सरकार ने मूर्ति पे खर्च किये 3000 Cr. रुपए | India Cross 103 Ranking In Hunger Index; Why Modi Government Spent 3000Cr. On Sardar Patel Statue?

भारत भुकमरी इंडेक्स में 103 के पार; मोदी सरकार ने मूर्ति पे खर्च किये 3000 Cr. रुपए | India Cross 103 Ranking In Hunger Index; Why Modi Government Spent 3000Cr. On Sardar Patel Statue?

statue-of-unity-sardar-vallabh-bhai-patel-modi-government

Indian People Suffering For Roti, Kapda And Makan; Modi Government Spending 3000Cr. For Sardar Patel Statue.

भाजपा सर्कार द्वारा सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति के रूप में गुजरात में स्थापित की गई । जिसमें कुल 3000 करोड़ रूपये खर्च कर डाले गए । एकता की प्रतिमा के रूप में भारतीय स्वतंत्रता नेता सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति बनाई गई जिनकी मृत्यु 1950 में हुई थी। श्री पटेल एक राष्ट्रवादी नेता थे और वह जवाहरलाल नेहरू के अधीन भारत के पहले आंतरिक मंत्री और उप प्रधान मंत्री बने। मूर्ति की प्रतिमा को पटेल के सामान्य कपड़े पहने और चलने के रुख में प्रतिनिधित्व के रूप में डिजाइन किया गया है। मूर्ति के अंदर एक प्रदर्शनी मंजिल, एक स्मारक गार्डन और एक ऑब्जरवेशन डेक होगा।

यह सत्ता धारी पार्टी के लिए भले ही गर्व की बात हो मगर ज़मीनी स्तर पार रहने वालों को इस से किया हासिल हुआ जो ग़रीब जनता के पैसे इस मूर्ति पार खर्च कर दिए गये । जी हाँ उसी भारत में जहाँ भुकमरी इंडेक्स में भारत 103 स्थान पर आता है । और जहाँ 2016 में 11458 किसानो ने तंगी के कारन आत्म हत्या कर ली । जहाँ दिल्ली की हवा में ज़हर का स्तर 300 के पार जा चूका है जो स्वास्थ्य के लिए सबसे ज़्यादा खतरनाक माना जाता है । 

भारत में लंबे समय से चल रही गर्मियों और नाकाफी बारिश ने सूखे का कारण बना दिया है और देश में किसानों की आमदनी में काफी कमी आई है। किसानो से बात करने पार उन्होंने बताया की क्षेत्र के किसानों को बुनियादी सिंचाई सुविधाओं की सख्त कमी है और इतनी बड़ी मूर्ति पे इतने सारे पैसे खर्च होने से वह नाखुश हैं।

गुजरात जिले के गांवों के 22 प्रतिनिधियों ने प्रधान मंत्री मोदी को इस सिलसिले में एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने अपनी निराशा जताई है और साफ़ लफ़्ज़ों में कहा कि वह इस मूर्ति के अनावरण के लिए जो की किसानो की ज़मीनो को छीन कर बनाई गई पार उनका स्वागत नहीं करेंगे।

मोदी को खुले तौर पार पत्र में कहा गया: "जब हम स्कूलों, अस्पतालों और पिने के पानी जैसी बुनियादी आधारभूत सुविधाओं के लिए सरकार के साथ संघर्ष कर रहे हैं, तो ऐसे हालात में एक मूर्ति के निर्माण के लिए हज़ारों करोड़ रुपये इस तरह से खर्च करने का किया मतलब है और अब उद्घाटन समारोह के लिए करोड़ों रूपये खर्च किये जा रहे हैं ।

उन्होंने साथ ही पत्र में लिखा की "हम किसान, हम सभी ग्रामीण दुखी दिल से आपको बता रहे हैं कि हम इस जिले में हमारी भूमि पर आपका स्वागत नहीं करेंगे।"

भारतीय सरकार का मानना ​​है कि यह स्मारक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और वे लगभग 2.5 मिलियन वार्षिक टूरिस्ट्स की उम्मीद कर रहे हैं ।

एक वरिष्ठ अधिकारी संदीप कुमार ने कहा: "इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र में पर्यटन भी बढ़ेगा।"

हालांकि भारत की आधी आबादी खेतों पर काम करती है, खेती केवल देश के सकल घरेलू उत्पाद में 15 प्रतिशत योगदान देती है।

मूर्ति नोएडा स्थित मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा डिजाइन की गई है, जिन्होंने सरदार पटेल के साथ मूर्ति के समानता से मेल खाने का प्रयास किया है। 

टिप्पणियाँ