विश्व हिन्दू परिषद् का हमला । अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए लाये गये 70 से ज़्यादा पत्थरों से भरे हुए ट्रक । More Than 70 Stone Trucks Brought In Ayodhya For Temple Construction; VHP's Aggressive Move.

विश्व हिन्दू परिषद् का हमला । अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए लाये गये 70 से ज़्यादा पत्थरों से भरे हुए ट्रक । More Than 70 Stone Trucks Brought In Ayodhya For Temple Construction; VHP's Aggressive Move.

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नई दिल्ली - अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हिन्दू कट्टरपंथी संस्था विश्व हिन्दू परिषद् ने फिर से अपना फन बहार निकला है । हालांकि यह मामला इस वक़्त सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में है लेकिन हिन्दू कट्टरपंथी संस्था विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से भरे ट्रक लोड करने का आदेश दे दिया है इसके साथ ही मुल्क के दीगर हिस्सों से अधिकतर कारीगर लाये जा रहे हैं साथ ही मस्जिद के ढाँचे को गिराने के लिए रस्सी फावड़े और दीगर सामान इखट्टा किये जा रहे हैं । ट्रक के जरिया लाये जा रहे पत्थरों को तीन मंज़िला मंदिर के निर्माण के लिए अभी से इखट्टा किया जा रहा है ताकि बाबरी मस्जिद को गिरा कर वहां हिन्दुओं के लिए भव्य मंदिर तैयार किया जा सके। इसके इलावा वीएचपी नेताओं ने दावा किया है कि जल्द ही अयोध्या में और 70 ट्रक पत्थर गिराए जाने की उम्मीद है।

बताया जा रहा है की यह निर्माण सामग्री पिछले एक साल के मुक़ाबले चार गुना है जिसे वीएचपी ने एक साल पहले रामजनमुभूमि मंदिर निरमन क्रियाशाला (कार्यशाला) में लाया था और जिसकी देख भाल विश्व हिन्दू परिषद् और रामजनमभूमि न्यास द्वारा लगातार किया जा रहा है।

वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण काम को तेज करने के लिए और अधिक पत्थरों और कारीगरों को लाया जाएगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दू कट्टरपंथी संस्था विश्व हिन्दू परिषद् का कहना है की "हम अपने कदम वापस नहीं लेने जा रहे हैं। यह सच्चाई की विजय के लिए लड़ाई है (यह सच की जीत के लिए एक लड़ाई है)।, हम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलते ही हम इस ढाँचे (बाबरी मस्जिद) को ध्वस्त कर देंगे और यहाँ अपने भगवान् राम के लिए राम मंदिर का भव्य निर्माण करेंगे।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक सप्ताह पहले अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक कानून पारित करने के लिए कहा था उसके बाद से ही हिन्दू कट्टरपंथी संस्थानों ने फिर से इस मोहिं को तेज़ कर दिया है।

हिन्दू तीर्थयात्रियों और उत्सुक आगंतुकों ने स्थानीय पुजारी और भक्तों के साथ मिलकर यहाँ भजन कीर्तन किया । बता दें की इस दौरान मंगलवार को अयोध्या में भारी पुलिस उपस्थिति थी।

वीएचपी ने मंदिर निर्माण कार्य के लिए अपनी तैयारी को बढ़ा दिया है और प्रस्तावित मंदिर के मॉडल को पॉलिश किया जा रहा है। वीएचपी, शायद, 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में शुरू होने वाले रामजनमभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई के अनुकूल परिणाम की उम्मीद कर रही है।

वीएचपी के इस कदम के तहत निश्चित रूप से हिन्दू भक्तों के बीच इस मुद्दे को लोकप्रय बनाने की कोशिश की जा रही है और जब तक मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय नहीं किया जाता इस मुद्दे को हवा दी जाती रहेगी।

हालांकि पत्थरों समेत इतनी निर्माण सामग्री को इकट्ठा करना स्थानीय प्रशासन के हिस्से में एक गलत कदम और लापरवाही है क्योंकि यह भावनाओं को नुकसान पहुंचाता है बल्कि मुस्लिम समुदाय को नीचा दिखने के लिए किया गया है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुकूल निर्णय के बारे में भी आश्वस्त है।

मुस्लिम पक्ष के मुख्य सदस्य श्री इकबाल अंसारी ने कहा कि बीजेपी सरकार को वीएचपी को ओवरड्राइव में आने से रोकने की जरूरत है क्योंकि यह मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट के आधीन है।          

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