भारत के इस गाओं में मुस्लिम बच्चों के नाम, सार्वजनिक नमाज़ और दाढ़ी पर लगा प्रतिबंध | India; Hindu Majority Village Bans Muslim Names, Public Prayer and On Beards.
भारत के इस गाओं में मुस्लिम बच्चों के नाम, सार्वजनिक नमाज़ और दाढ़ी पर लगा प्रतिबंध | India; Hindu Majority Village Bans Muslim Names, Public Prayer and On Beards.
Indian village of Haryana Titoli where you can't keep muslim names, offering prayers in public and can't grow beards.
कहने को तोह देश आज़ाद है और यहाँ एकता में अनेकता तथा गंगा जमुना सभ्यता का खूब प्रचार भी किया जाता है मगर जब हम हकीकत को टटोलने की कोशिश करते हैं तोह यह तथ्यों पर खरा नहीं उभरता | आपको यह जानकार यक़ीन शायद ना आये के भारत के हरियाणा के एक गांव टिटौली में मुसलमानो पर रंग भेद, जाती और धर्म को लेकर भेदभाव किया जा रहा है और इसके लिए मुसलमानो के ऊपर तरह तरह के क्रूरता पूर्ण प्रतिबंध भी लगा दिए गए हैं जिसमें मुसलमानो का दाढ़ी रखना, आम पब्लिक के बीच नमाज़ का अदा करना और यहाँ तक के मुस्लमान बच्चों के इस्लामी नामों पर भी प्रतिबंध लगाना शामिल है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
हरियाणा के टिटोली गाओं में एक मुस्लिम लड़के के द्वारा ग़लती से एक मादा बछड़े की मौत हो गई थी जिसके चलते यहाँ की पंचायत सभा ने मुसलमानो के लिए कई दण्डनीये प्रतिबंध लगाए हैं जिसमें दाढ़ी का रखना, मुस्लमान बच्चों के इस्लामी नाम रखना और जनता के बीच नमाज़ पढ़ना तक निषेध कर दिया गया है।
बुधवार को हिंदू-वर्चस्व यानि हिन्दू मेजोरिटी वाले गांव में आयोजित पंचायत ने वहां रह रहे मुस्लिम निवासियों को उनके घरों के बाहर नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी है।
अगस्त के महीने में हिन्दू कटटरपंथियों की एक भीड़ ने इसी गांव में एक मुसलमान परिवार के घर पर हमला किया था, हमले के पीछे बछड़े को मारने का आरोप लगाया गया था। इसमें दो मुस्लिम शख्स को गाय के वध अधिनियम, 1955 के निषेध के तहत गिरफ्तार किया गया था जबकि यह स्पष्ट नहीं था कि बछड़ा कैसे मरा था उसके बावजूद बिना सबूतों के पहले तोह उस शख्स के घर पर हमला किया गया बाद में बिना सबूतों के उसे गिरफ्तार भी किया गया।
इस मामले की तूल पर उत्तर भारतीय राज्य के सांसदों ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे - टिटोली के मुस्लिम समुदाय स्पष्ट रूप से परेशानी का सम्मान कर रहे हैं।
उप-मंडल मजिस्ट्रेट, रोहतक, राकेश कुमार ने दी हिंदू समाचार पत्र को बताया: "यह असंवैधानिक है। मैं इस संबंध में गांव के सरपंच (नेता) से बात करूंगा। "
स्थानीय मुस्लिम नेता "राजबीर" ने कहा कि।
"हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है की हम विभाजन के बाद से हिंदू नाम रखते आये हैं और टोपी नहीं पहनते हैं ना ही दाढ़ी रखते हैं। हमें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाती | चूंकि गांव में कोई मस्जिद नहीं है, इसलिए हम रोहतक शहर में करीब 8-10 किलोमीटर की यात्रा करते हैं ताकि शुक्रवार और अन्य अवसरों पर नमाज अदा कर सकें। "राजबीर नमक मुस्लिम युवक ने बताया।
उन्होंने कहा कि नमाज़ और कफ़न दफ़न के लिए गांव के बीच एक भूमि का टुकड़ा लिया गया था लेकिन उसे गाओं की पंचायत के द्वारा जबरन हत्या लिया गया और मुस्लिमों को कहा गया की यह सब गाँव के बाहर जा कर करो।
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