केरल बाढ़ में 324 लोग मारे जा चुके हैं और करीब 223,000 लोग बेघर हैं | Kerala Flood; 324 people have been killed and more than 223,000 people living in emergency relief camps.
केरल बाढ़ में 324 लोग मारे जा चुके हैं और करीब 223,000 लोग बेघर हैं | Kerala Flood; 324 people have been killed and more than 223,000 people living in emergency relief camps.
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस समय केरल के दक्षिणी राज्य में हैं | बता दें की यह बाढ़ इस सदी का सबसे ज्यादा खतरनाक बाढ़ माना जा रहा है |
नरेंद्र मोदी शुक्रवार को काफी देर से बाढ़ पीड़ित इलाक़े में पहुंचे और सबसे बुरी तरह से प्रभावित इलाकों में अपनी उड़ान भर कर आसमान से उन जगहों का मुआयना किया |
लगातार बारिश के वजह कर नदियों में भारी उफान और ज़मीन के धंसने के कारन इस बाढ़ की चपेट में कम से कम 324 लोग मारे जा चुके हैं और करीब करीब 223,000 लोग बेघर हो चुके हैं। यह स्थिति बहुत भयानक है |
सैन्य हेलीकॉप्टरों द्वारा समर्थित सैनिकों को भारी बचाव प्रयास में शामिल किया गया है।
अधिक बारिश की संभावना है और जगह जगह पर चेतावनी दे दी गई है। शनिवार और रविवार को तेज़ आंधी और तूफ़ान की भविष्यवाणी भी की जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जून के महीने से लेकर अबतक पुरे भारत भर में मौजूदा बरसात के मौसम में करीब 1,000 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।
राज्य सरकार के अधिकारी पीएच कुरियन ने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया, "हम बचाव अभियान को बढ़ाने के लिए और अधिक नौकाओं और सेना तैनात कर रहे हैं।"
हेलीकाप्टर सेवा को कई क्षेत्रों में अभियान के लिए जारी रक्खा गया है और आपातकालीन स्थिति में आपूर्ति के लिए विशेष रेलगाड़ियों के द्वारा पीने के पानी और दवाओं को केरल राज्य में भेजा जा रहा है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन कहते हैं कि 100 वर्षों में राज्य में यह सबसे खराब बाढ़ की स्थिति है।
उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए बताया कि क्षेत्र भर में स्थापित 1,500 से अधिक आपातकालीन राहत शिविरों में कुल 223,000 से अधिक लोग इस समय रह रहे हैं ।
केरल की वाणिज्यिक राजधानी, कोचीन के कुछ हिस्सों में पानी का स्तर नीचे आने के कारन सड़कों और रेल लाइनें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। यातायात की स्थिति बहुत बुरी है |
कुछ स्थानीय बागानों जिसमें बड़ी तादाद में रबड़, चाय, कॉफी और मसाले उद्द्योग शामिल हैं वह इस समय बड़े खतरे में है |
अधिक हानि से बचने के लिए केरल के सभी 14 जिलों में स्थित स्कूलों को बंद कर दिए गए हैं और कुछ जिलों ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पर्यटकों को आने जाने पर मनाही की हुई है।
प्रधान मंत्री मोदी शुक्रवार को राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचे और शनिवार को कोचीन पहुंचे। इसके बाद उन्होंने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। भारतीय मीडिया ने बताया कि वह सबसे खराब प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे ।
केरल के मानसून के मौसम में देश में सबसे ज्यादा बारिश का होना यहाँ एक सामान्य बात है, लेकिन भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि इस क्षेत्र में कम दबाव के कारण यह सामान्य से 37% अधिक है।
पर्यावरण वैज्ञानिक वनों की कटाई को भी ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है, विशेष रूप से इलाके में पारिस्थितिक रूप से नाजुक पर्वत श्रृंखलाओं की रक्षा करने में विफलता का कारन है ।
केरल के अरब सागर में बहने वाली 41 नदियाँ हैं, और इसपर कुल 80 बांध अब अभिभूत होने के बाद खुले हुए हैं।
वाजपेन ने कहा, "लगभग सभी बांध अब खोले गए हैं। हमारे अधिकांश जल उपचार संयंत्र डूबे हुए हैं। वाटर मोटर्स पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं ।"
58 वर्षीय कृष्ण जयन ने कहा कि वह अपने घर में सो रही थी तभी उनके पडोसी ने उन्हें उठाया।
"मैंने दरवाजा खोला और पानी में प्रवेश कर गई,"। "जब हम सड़क पर आये उस समय हम पानी में गर्दन तक धंसे हुए थे।"
उसने कहा कि स्थानीय लोगों ने सड़कों पर पानी से निकलने में मदद करने के लिए सड़कों पर रस्सी बांध दी थीं, जिससे वह और उसके पडोसी उस स्थिति से निकलने में कामयाब हो पाए।
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