भयानक स्थिति | मोदी सरकार लाल किला से लेकर देश के बड़े मंदिरों को भी कॉर्पोरेट वर्ल्ड के हाथों बेचने की साज़िश में ! Shahjahan's Iconic Fort Laal Qila Handed Over To Dalmia Bharat Group for 25 Crore For 5 Years Is Now Labelled Dalmia Red Fort |
भयानक स्थिति | मोदी सरकार लाल किला से लेकर देश के बड़े मंदिरों को भी कॉर्पोरेट वर्ल्ड के हाथों बेचने की साज़िश में ! Shahjahan's Iconic Fort Lal Qila Handed Over To Dalmia Bharat Group for 25 Crore For 5 Years Is Now Labelled Dalmia Red Fort |
लेख अमरेश मिश्रा की क़लम से |
मेरा नाम अमरेश मिश्र है। मैं सिर्फ हिन्दुस्तान का नागरिक हूं। इससे ज़्यादा कुछ नही। जो थोड़ी बहुत काबिलियत मुझमे है, उससे मैने हमेशा जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठायी है। सबके योगदान पर भी लिखा। जब मुसलमानो पर ज़ुल्म हुआ, मैने कसकर विरोध किया। शाह वलीउल्लाह सहित, भारतीय उप-महाद्वीप के मुसलमानो की प्रगतिशीलता और शहादत पर लिखा। दलित-OBC-आदिवासी भाइयों पर अत्याचार की कई घटनाएं का मैने खुलासा किया। दलित-OBC-आदिवासी चिन्तको और आज़ादी की लड़ाई मे उनके योगदान की चर्चा की।
ब्राहमणो के खिलाफ अनर्गल प्रचार और उनपे ज़ुल्म के खिलाफ लड़ता रहा। आज़ादी की लड़ाई मे ठाकुरों और भूमिहारों के अदभुत शौर्य के बारे मे लिखा। सिक्ख समुदाय पर ज़ुल्म और उनकी वीर गाथा–दोनो पर लिखा। मराठों के इतिहास पर लिखा। दक्षिण भारत, पूर्वोक्तर और पूर्वी भारत-बंगाल पर लिखा।
अगर किसी जाती के कुछ गुंडो ने अत्याचार किया तो हिन्दू-मुसलमान, सवर्ण-अवर्ण बिना देखे, उनका विरोध किया। सरकार और व्यवस्था के खिलाफ हमेशा बोला। कश्मीर पर सच्ची बात को उजागर किया। महीलाओं के उतपीड़न और उनके योगदान पर लिखा। अगर आपको मुझपे ज़रा भी भरोसा है, तो मेरी बात सुनिये!
देश मे ऐसी साज़िशें चल रही हैं–आप कल्पना नही सकते।
मोदी ने लाल क़िला डालमिया ग्रुप को लीज़ पर दे दिया। यानी बेच दिया। रख-रखाव, रेस्टोरेशन तो बहाना है। ASI, भारत सरकार और डालमिया ग्रुप मे जो MoU हुआ है, उसमे साफ-साफ लिखा है की लाल क़िला अब ‘डालमिया-लाल क़िला’ कह लाएगा।
इसी तरह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारतीय जनता से कर वसूलने का अधिकार लीज़ पर ले लिया था। फिर भारत की सम्प्रभुता समाप्त हो गयी। भारत अन्ग्रेज़ों का गुलाम बन गया।
एक दिन मोदी अंबानी को सरकार चलाना भी लीज़ पर दे देगा। नाम ‘रिपब्लिक आफ इंडिया’ रहेगा। पर इन्कम टैक्स इत्यादी, प्राइवेट कंपनी यानी अंबानी-अडानी कलेक्ट करेंगे।
जैसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतवासियों को गुलाम बनाया था, वैसे हम लोग अब देशी-विदेशी निजी कंपनी की गुलामी करेंगे।
तो ये था संघ के हिन्दू राष्ट्र का मतलब!
हिन्दुओं को गुलामी की तरफ ढकेलना। सनातन धर्म को खत्म करना! इसीलिये हिन्दू-मुसलमानो को लड़वाया गया। इसीलिये बच्चियों का रेप हुआ। इसीलिये ‘गीता’ वाली फर्जी खबर चलवाई गयी।
अब समझ मे आया RSS का ऐजेंडा?
भारत मे ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज़ पर विदेशी और देशी कोरपोरट कंपनियों का कब्ज़ा हो रहा है!
उत्तर प्रदेश मे भी, योगी के रहते, ताज महल बेच दिया जायेगा। ASI के सारे monuments निजी कम्पनियां चलायेंगी।
फिर मन्दिरों और मस्जिदों की बारी आयेगी। इलाहबाद के बड़े हनुमान जी, अयोध्या की हनुमानगढ़ी, और विन्ध्याचल का मंदिर निजी कम्पनियों को दिया जा रहा है। अभी यह बात खुली नही है। पर उत्तर प्रदेश के पत्रकार जानते हैं, की कल इलाहबाद के बड़े हनुमानजी का मन्दिर, ‘खत्री-हनुमान मन्दिर’ कहलायेगा। और विन्ध्याचल, ‘अगरवाल विन्ध्याचल’ बन जायेगा। अयोध्या की हनुमानगढ़ी तो एक विदेशी कंपनी को दिया जा रहा है। इसका नाम ‘जॉन’ या ‘विल्सिन हनुमान गढ़ी’ होगा। हनुमानगढ़ी के चारों पट्टों के महंत हटाये जायेंगे।
राम मन्दिर अगर बना तो वो भी विदेशी निजी कंपनी चलायेगी।
फिर पूज्य शंकराचार्य के चारों धामो मे निजी कंपनियों का प्रवेश होगा।
फिर मस्जिदों का नम्बर आयेगा।
फिर हमारा धर्म परिवर्तन होगा। सनातन धर्म के मूल ढांचे मे परिवर्तन होगा।
RSS और निजी कम्पनियां मिलकर ‘वर्ण संक्रमण’ करेंगी। हमारी नस्लों, हमारे कुल का नामो-निशान मिट जायेगा। ब्राहमण, छात्रिय, वैश, यादव, कुर्मी, OBC अपना नाम नही लिख पायेंगे। दलितों की सारी पहचान मिटा दी जायेगी।
मुसलमानो के साथ जो होगा वो आप देख ही रहें हैं।
पर यहां उत्तर प्रदेश मे हम ये नही होने देंगे।
10 मई 2018 को 1857, पहली जंग-ए-आज़ादी की 161वी वर्षगांठ है। उस दिन हम निजी कंपनियों और अमेरिका-अंग्रेजों की दलाल भाजपा की पोल खोल देंगे।
पहली जंगे-आज़दी की पहली गोली मंगल पाण्डे ने चलायी थी। पर आज भारत क्या, पूरे उत्तर प्रदेश मे मंगल पाण्डे की कोई प्रतिमा नही है।
हम उत्तर प्रदेश में योगी को अपने धार्मिक स्थल-ऐतिहासिक धरोहर नही बेचने देंगे।
10 मई 2018 को, तीन बजे शाम, लखनऊ रेसिडेंसी मे इकट्ठा होकर हम ‘मंगल पाण्डे’ मार्च निकालेगें। लखनऊ विधान सभा जाकर, मंगल पाण्डे की प्रतिमा लगायेंगे।
हम जानते हैं योगी लखनऊ से झलकारी बाई, ऊंदा देवी, राजा जियालाल कुर्मी की प्रतिमाएं हटाना चाहता है। बेगम हज़रत महल पार्क का नाम बदल रहा है। फिर मायावती द्वारा बनायेगये बौध विहर, सपा सरकार मे बाने लोहिया पार्क–यहां तक की भाजपा काल मे बने दीन दयाल उपाध्याय पार्क–सब बेचे जायेंगे।
और हम लोग ब्राहमण-OBC-दलित के नाम पर लड़ते रहेंगे?
इस लड़ाई से हमे कोई फायदा नही।
जब मारे जायेंगे तो सारे धर्म, सारी जातियां मारी जायेंगी। हिन्दू राष्ट्र की पीठ पर सवार होकर भारत मे कोरपोरेट पूंजी की सत्ता आ रही है।
यह सत्ता किसानो को मार देगी, उनकी ज़मीने छीन लेगी। मन्दिर-मस्जिद-धरोहर सब नष्ट कर देगी। कोरपोरेट पूंजी के लिये इन्सान-धर्म-जाती-संस्कृति से बढ़कर मुनाफा है। हम लोग रौन्दे जायेंगें।
आज प्रधान अन्तरविरोध फर्जी हिन्दू राष्ट्र पर सवार कोरपोरेट पूंजी बनाम भारत की किसान-मज़दूर, छोटे दुकानदार-व्यापारी, मध्य-वर्ग का है।
मेरे पास आज के संकट का हल है। मंगल पाण्डे मार्च, रोज़गार परस्त्त, राष्ट्रिय उद्द्योग परास्त, किसान परस्त नई आर्थिक नीती के लिये लड़ाई की शुरुआत होगा।
मंगल पाण्डे की प्रतिमा एक जन-जागरण की शुरुआत है। इसके बाद, हर जिले में सारी जातियों के शहीदों की प्रतिमा लगायी जायेगी।
हम ‘अंग्रेज मांगो-मुआवजा दो’ आन्दोलन चलायेंगे।
हम भारतीय सेना, पैरा-मिलिट्री फ़ॉरस को अपने अभियान मे शामिल करेंगे।
हम उत्तर प्रदेश और पूरे हिन्दी-उर्दू छेत्र के मान सम्मान के लिये लडेंगे। हम बतायेंगे, की कैसे हमने 1857, यानी दुनिया मे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई मे कैसे अंग्रेज़ी साम्राज्य को धूल चटाई।
34.1857 मे हिन्दुओं, मुसलमानो, सिक्खों, यहां तक की एन्ग्लो-इंडियन रोमन कैथलिक इसाईयों को भी, अंग्रेजों ने चर्च आफ इंग्लैंड के मातहत, ‘आंगलिकन इसाई’ बन जाने का दबाव डाला।
‘War of Civilisations: India 1857 AD’ के नाम से मैने 1857 की लड़ाई पर 2000 पेज की किताब लिखी है। उसमे साफ-साफ लिखा है की 1857 मे सिपाहियों और बहादुर शाह ज़फर के नेतृत्व मे, सिक्ख और एन्ग्लो-इंडियन भी लड़े। लखनऊ मे ‘बाब द नेलर’ नाम का एन्ग्लो-इंडियन स्नाईपर बेगम हज़रत महल की तरफ से लड़ा। अंग्रेजों ने उसका नाम भी दस्तावेज़ों मे दर्ज किया है।
पर हमने धर्म परिवर्तन नही स्वीकारा
हम उत्तर-प्रदेश/बिहार, हिन्दी-उर्दू प्रदेश के लोगों ने फिरंगियों की ईट से ईट बजा दी थी। अवध की उस समय जन-संख्या 1 करोड़ थी। उसमे से 25 लाख लोग मारे गये। दुनिया मे एसी कोई मिसाल नही है।
आज फिर वही घड़ी आ गयी है। बूढ़ा भारत अपने नौजवानो को पुकार रहा है। भाई अपनी बहनो को पुकार रहा है। वीर और वीरांगनाएँ– उठ खड़े हों।
10 मई 2018 का ‘मंगल पाण्डे मार्च’ मे शामिल होना चाहता है, मुझे संपर्क कर सकते हैं, यह कार्यक्रम देशहित मे किया जा रहा है। आप लोगों से गुज़ारिश है, इसमे सहयोग करे। ये राष्ट्रवादी आंदोलन है।
सारी पार्टियों, संगठनो के लोग–राजनैतिक/गैर राजनैतिक– शामिल हो सकते हैं! इसमे आर्थिक सहयोग की भी ज़रूरत पड़ेगी।
आप सभी से सहयोग की प्राथना है। हम रोज़ इस विषय पर पोस्ट डालेंगे।
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