कासगंजः मुसलमानो ने वीर अब्दुल हमीद चौक पर फैराया तिरंगा तब ही एबीवीपी के गुंडे ने राम नाम लेकर किया हमला और दिखाया भगवा झंडा | Muslims Were Attacked By ABVP & Bajrang Dal While Hoisting Tiranga At Veer Abdul Hameed Chowk.
कासगंजः मुसलमानो ने वीर अब्दुल हमीद चौक पर फैराया तिरंगा तब ही एबीवीपी के गुंडे ने राम नाम लेकर किया हमला और दिखाया भगवा झंडा | Kasganj: Muslims Were Attacked By ABVP & Bajrang Dal While Hoisting Tiranga At Veer Abdul Hameed Chowk.
- एबीवीपी और बजरंग दल द्वारा अनधिकृत तिरंगा यात्रा ने गणतंत्र दिवस की शाम एक मुस्लिम बहुल इलाके के निवासियों द्वारा आयोजित तिरंगा समारोह को बाधित करने की कोशिश की।
- हिंदी हिंदू हिंदुस्तान कटुवा भागो पाकिस्तान" जैसे उत्तेजक और सांप्रदायिक नारे लगाए |
- उनके हाथ में भगवा झंडे थे और वह राम नाम का नारा लगा रहे थे |
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में हिंसा की एक खबर आयी है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी और कुछ अन्य घायल भी हुए हैं, बता दें की यह हिंसा तब हुई जब मुस्लिम वर्चस्व वाले इलाके में गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया जाना था | मिली वीडियो में साफ़ देखा जा रहा है के कुछ हिन्दू कट्टरपंथी संघ परिवार के भगवा झंडे दिखाते हुए बाइक लेकर आये उनके एक हाथ में भगवा झंडा था और साथ ही कुछ लोग राष्ट्रीय झंडे लेकर राम नाम का हल्ला मचाते आये और वहां के मुस्लिम लोगों के साथ मारपीट करने की कोशिश की ।
एबीपी न्यूज़ टीवी चैनल के अनुसार, मुस्लिम वर्चस्व वाले इलाके के निवासियों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीर अब्दुल हमीद चौक पर तिरंगा को फहराने की कोशिश कर रहे थे | स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के तहत लगभग 100 लोग भगवा झंडे और 50 बाइक पर राष्ट्रीय झंडे ले कर वहां पहुंचे और इस इवेंट को बाधित करने की भरपूर कोशिश की। यह हिन्दू कट्टरपन्थों द्वारा पहली मुहिम थी, जो कथित तौर पर एबीवीपी और बजरंग दल द्वारा भगवा तीरंगा यात्रा को लेकर मुसलमानो के बीच अफरा तफरी फैलाने के लिए की गयी थी |
"हम कासगंज इलाके के मुसलमानों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडे फैराने के कार्यक्रम का आयोजन किया था। लोगों ने इसके लिए बढ़ चढ़ का चंदा जमा किया था। हमने यहां तिरंगा ध्वज पोस्ट स्थापित किया और इस आयोजन के लिए कुर्सियों की व्यवस्था भी की थी | हम झंडा फैराने ही वाले थे के तभी दूसरी ओर से लगभग 100-150 लोग आए। वे लगभग 50 बाइक पर सवार थे, उनके हाथ में भगवा झंडे थे और वह राम नाम का नारा लगा रहे थे, "वकील मनजीर ने कहा।
"हमने उनसे कहा कि वे अलग मार्ग रास्ता से चले जाएं या कुछ समय इंतजार करलें क्योंकि हम राष्ट्रीय ध्वज फैराने वाले थे । हमने उन्हें इवेंट में शामिल होने के लिए भी अनुरोध किया । हमने उनसे कहा के यह अच्छा मौक़ा होगा और एक बड़ी इवेंट बन जाएगी जब हम मुस्लिम और हिंदू साथ में जश्न मनाएंगे और समाज में सांप्रदायिक सौहार्द का अच्छा संदेश जायेगा मगर उन्होंने हमारे अनुरोध को सरे से खारिज कर दिया और "हिंदी हिंदू हिंदुस्तान कटुवा भागो पाकिस्तान" जैसे उत्तेजक और सांप्रदायिक नारे लगाए । उन्होंने हमें भगवा झंडा फहराने के लिए कहा और राम नाम का जैम कर नारा लगाया । "
उत्तेजक नारे बाज़ी के बाद, दो समूहों के बीच गरमा गरम बहस शुरू हो गयी । हालात को बिगड़ते देख संघी बाईकर्स ने जगह छोड़ दी और दूसरी तरफ से अपनी रैली ले गए । कुछ लोग डर के मारे यहां अपनी बाइक भी छोड़ गए ।
"इस जगह पर कोई भी हिंसा नहीं हुई है। न ही कोई पत्थर बाज़ी हुई या किसी तरह की हिंसा हुई । लेकिन इस जगह को छोड़ने के बाद संघी हिन्दुओं ने बलराम गेट क्षेत्र में आगजनी, लूटपाट और दुकानों में आग लगाया, "वकील मनजीर ने कहा।
बलराम गेट इलाके में कई दुकानों को लूट लिया गया और आग लगा दी गई और कई वाहन भी जला दिए गए।
बता दें की अज्ञात व्यक्तियों की गोलीबारी में, एक युवा चंदन गुप्ता की मृत्यु हो गई और नौशाद और राजकुमार के रूप में पहचान किये गए दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। एक दाढ़ी वाले मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया गया, जब वह अलीगढ़ के रास्ते में कार में था। स्थानीय पुलिस ने उसे अस्पताल में दाखिल करवाया लेकिन बाद में उसे अलीगढ़ में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां उसका ऑपरेशन किया गया । नवीनतम रिपोर्टों का कहना है कि वह बुज़ुर्ग इस हिन्दू दहशतगर्दी में अपनी दाहनी आंख खो बैठा । शुक्रवार की रात को उसपर तेज हथियार से हमला किया गया था। वह स्थानीय निवासी नहीं थे और वह लखीमपुर से आ रहे थे और अलीगढ़ के रास्ते में कासगंज से उनका गुजर हुआ जहां उनकी पत्नी डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। उनके साथ मौजूद नौकरानी जो उस गाड़ी में थी उसे भी बुरी तरह से पिता गया |
बताते चलें की शुक्रवार को हिंसा के बाद पुलिस ने इलाक़े में धारा 144 लगाया था। हालांकि, शनिवार को ताजा हिंसा उस वक़्त फिर से हुई जब वह लोग युवाओं के अंतिम संस्कार से लौट रहे थे। कई दुकानों और वाहनों को जलाया दिया गया ।
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