शर्मनाक ! भगवा आतंकी शम्भुनाथ रेगर जिसने मज़दूर मुस्लमान का क़त्ल किया और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की के समर्थन में उतरा पूरा हिंदूवादी समाज । SHOCKING ! Hindu Fanatic Waved Bhagwa Flag Top Of The Court In Support Of Bhagwa Terrorist Shambhunath Regar

शर्मनाक ! भगवा आतंकी शम्भुनाथ रेगर जिसने मज़दूर मुस्लमान का क़त्ल किया और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की के समर्थन में उतरा पूरा हिंदूवादी समाज । 

SHOCKING ! Hindu Fanatic Waved Bhagwa Flag Top Of The Court In Support Of Bhagwa Terrorist Shambhunath Regar 

यूँ तो भगवा आतंकियों को देश में मिलने वाला अपार समर्थन कोई नयी बात नहीं है पहले भी ये खुलेआम होता रहा है चाहे कोर्ट और क़ानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए आतंकियों द्वारा बाबरी मस्जिद को शहीद करना हो और बाद में उसके प्रमुख आरोपियों जो की पूरे देश में दंगे भड़काने के भी आरोपी थे उनको प्रधानमंत्री, गृहमंत्री या अन्य प्रमुख पदों पर बिठाना हो । या फिर मक्का मस्जिद, अजमेर, मालेगाँव या अन्य स्थानों पर हुए धमाकों के आरोपी असीमानंद और कर्नल पुरोहित को जेल से कोर्ट ले जाते वक़्त पुलिस की मौजूदगी में उनपर नायकों की तरह फ़ूल बरसाना, या अभी हाल ही में इखलाक के हत्यारे की मौत पर मोदी मंत्रिमंडल के सदस्यों की मौजूदगी में उसे तिरंगे में लपेट कर किसी क्रांतिकारी की तरह उसकी अंतिम यात्रा निकालना ।
पर आज तो राजस्थान में बंगाली मज़दूर को धोके में रखकर मारने वाले आतंकी के समर्थन में उमड़े आतंकियों के जनसैलाब ने तो देश के न्यायालय और व्यवस्था की बैंड बजा के रख दी जब इन आतंकियों ने कोर्ट पर अपना ध्वज भी फहरा दिया और ख़ुद पुलिस वालों पर लाठीचार्ज कर दिया । ये वही भीड़ है जो कभी बलतकारियों के समर्थन में निकलती है कभी हत्यारों के पर आज तो इन आतंकियों ने अपने राष्ट्रवाद को नंगा कर के रख दिया । 

दरअसल ये जानते हैं की सरकार और प्रशासन का इन्हें पूरा समर्थन है जो इन्हें कुछ नहीं होने देगा । जिस तरह इखलाक, पहलू खान, गौरी लंकेश, प्रोफेसर पानेसर, कलिबुर्गी, डाभोलकर के हत्यारों को बचाने और उन हत्याओं को जस्टिफाई करने के लिए सारी सरकार और मशीनरी लग गयी थी । वैसा ही यहाँ भी होगा । ये जानते हैं कि जिस तरह तमाम सबूत होते हुऐ भी पहलू खान और अख़लाक़ के हत्यारों को कोर्ट ने रिहा कर दिया वैसे ही इनका भी कोई बाल भी बाँका नहीं होगा । ये लव जिहाद, राष्ट्रवाद और गाय के बहाने आतंकी करवाई को अंजाम देंगे तो एक बड़े वर्ग की सहानुभूति आराम से हासिल कर लेंगे और सिस्टम इन हत्याओ को भी पचा जाएगा । कह देगा कि मरने वाले की गलती थी हत्यारा तो बेचारा मासूम था ।
अब देखना ये है कि पॉलीथीन खाकर मरी गाय पर स्वत संज्ञान लेने वाला न्यायालय इन घटनाओं को "रेयर ऑफ द रेयरेस्ट" की श्रेणी में रखते हुए स्वत संज्ञान लेता है या नहीं ।
अगर अब भी न्यायालय ने स्वत संज्ञान नहीँ लिया तो यकीन मानिए सिस्टम और न्यायालय एक कठपुतली से ज़्यादा कुछ नहीं है ।

- समीर

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