उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा के अमेरिका वह देश है जो अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करता है और हमें युद्ध की ओर धकेलने का प्रयास कर रहा है |

उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा के अमेरिका वह देश है जो अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करता है और हमें युद्ध की ओर धकेलने का प्रयास कर रहा है | 


सिओल : उत्तर कोरिया ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंधों के खिलाफ देश को "युद्ध की ओर धकेलना का कार्य"  बताया और कहा के अमेरिका वह देश है जो अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करता है, साथ ही डोनाल्ड ट्रम्प पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए "पाइप के बिंदु जैसा सपना" है, वह सोचते हैं के उनके ऐसे प्रतिबंध लगाने से हम परमाणु हथियार बनाना बंद कर देंगे ।

उत्तर कोरिया के एक बैलिस्टिक मिसाइल के परिक्षण के जवाब में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को उत्तर कोरिया के लिए नई और सख्त प्रतिबंध लगाए जिसके जवाब में उत्तर कोरिया ने अमेरिका को धमकाते हुए कहा कि यह यूनाइटेड स्टेट तक पहुंच सकता है।

बताते चलें के हाल के दिनों में ही अमेरिकन पर्शाशन दुआ सभी 15 परिषद सदस्यों द्वारा ली गई संकल्प में जिसमें ट्रम्प प्रशासन द्वारा उत्तर कोरिया पर लगाए  जाने वाले सबसे मुश्किल प्रतिबंधों जैसे कि सभी तेल आयातों को रोकना और उत्तरी कोरिया की सरकार और इसके नेता, किम जोंग अन के एसेट को फ्रीज़ करदेने की मांग की कई गयी थी ।

रविवार को, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि यह प्रतिबंध उत्तरी कोरिया के "पूर्ण आर्थिक नाकाबंदी" के समान हैं। 

उन्होंने बयान देते हुए कहा के "हम इस 'प्रतिबंध संकल्प' को परिभाषित करते हैं जो अमेरिका और उसके अनुयायियों द्वारा हमारे गणराज्य की संप्रभुता पर एक गंभीर उल्लंघन के रूप में धांधली से लगाई गयी है, क्योंकि कोरियाई प्रायद्वीप और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के उल्लंघन के युद्ध के सामान है ।

"यदि अमेरिका सुरक्षित रूप से जीने की इच्छा रखता है, तो उसे डीपीआरके की दिशा में अपनी शत्रुतापूर्ण नीति को छोड़ देना चाहिए और परमाणु हथियारों वाले देश के साथ मिलकर रहना सीखना चाहिए और अपने देश के लिए पाइप के सपने से जागना चाहिए ताके हम परमाणु हथियारों का विकास कर सकें और सभी प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर सकें ।

डीपीआरके उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम, डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के लिए जाना जाता है । 

सुरक्षा परिषद द्वारा अपनाये गए संकल्प में उत्तर कोरिया के परिशोधित तेल आयात पर तेजी से रोक लगाना, 24 महीनों के अंदर विदेशों में काम करने वाले सभी उत्तर कोरयाई को उनके देश वापस भेजना तथा कोयला और तेल सहित तस्करी करने वाले जहाजों पर कड़ी कार्रवाई करना शामिल है ।

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