मोहब्बत और अमन की खूबसूरत निशानी ताज महल को हिन्दू कटटरपंथी ताक़तों के जरिया लहूलुहान करने की गन्दी साज़िश
मोहब्बत और अमन की खूबसूरत निशानी ताज महल को हिन्दू कटटरपंथी ताक़तों के जरिया लहूलुहान करने की गन्दी साज़िश
ताज महल जो के अपनी खुबसुरती और संगे मर्मर के पत्थरों से ना के सिर्फ हिंदसुतान में बल्कि दुन्या के हर मोहब्बत और अमन पसंद लोगों के दिलों में बस्ता है और जिसकी सदयों पुरानी दास्ताँ सुनकर और खुबसुरती को देख कर दूर दूर से सैलानी इसकी तरफ खींचे चले आते हैं । एक शहंशाह ने अपनी मोहब्बत की निशानी ताज महल को अपनी बीवी की याद में बनाया और बाद में वह मोहब्बत करने वालों के लिए एक जीता जागता मिसाल बना । इसकी नक़्श निगरी इतनी बेहतरीन है के इसका कोई जोड़ कहीं आजतक मौजूद नहीं । मगर जबसे इंडिया की सियासी चाल में बदलाव आया है कुछ कटटरपंथी हिन्दू ताक़तों ने इसे भी अपनी नफरत का निशाना बनाने में कोई कसर बाक़ी नहीं रक्खी । कहते हैं के चिराग़ तले अँधेरा या फिर बन्दर किया जाने अदरक का सुवाद । कुछ ऐसा ही हो रहा है इन दिनों जबसे भगवा सरकार सत्ता में आयी है ।
उत्तर प्रदेश के कटटरपंथी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पवित्र, मोहब्बत की जीती जागती निशानी को अपने हिन्दू विचारधारा से नापाक कर डाला और इसे उत्तर प्रदेश की टूरिज्म बुक से निकाल बहार किया वजह सिर्फ एक वह यह के यह मुग़लों द्वारा अथवा मुस्लिम शाशक द्वारा बनाई गयी जिसे हिन्दू कटटरपंथी अपने देश का नहीं मानते जबकि हिन्दुस्तान में मौजूद ऐसी कई सारी खूबसूरत तारीखी इमारतों से लेकर सड़कों तक मुग़लों या मुस्लिम शाशकों की ही देन है जिसके टूरिज्म से सालाना करोड़ों रूपये का मुनाफा सरकार को होता है । जिस लाल क़िला पर हर 15 अगस्त और 26 जनुअरी को शान से तिरंगा लहराया जाता रहा है वह भी इसी मुग़ल बादशाह और मुस्लमान शाशक की देन है ।
योगी आदित्य नाथ ने उत्तर प्रदेश के बुकलेट में हिन्दू तीरथ स्थलों और मंदिरों को डाला और मुसलमानो के अथवा मुग़लों के बनाये गए आलिशान और खूबसूरत इमारतों को अपनी गन्दी और कटटरपंथी सोच के कारन इस बुकलेट से ग़ायब कर दिया जबकि इसकी जगह गोरखनाथ पीठ को दे दी गयी जिसे इतिहास में कोई ख़ास अहमियत हासिल नहीं जिसे कारन इसको बुकलेट में शामिल किया जाता ।
अपनी कटटरपंथी हिन्दू विचारधारा के कारन जब यह कंट्रोवर्सी बढ़ी तोह उन्होंने बात को टालते हुए यह बताया के हमारा मक़सद यह था के जो दीगर टूरिस्ट प्लेस हैं उनको प्रमोट के लिए बुकलेट में शामिल किया जाये और जगह की कमी के कारन ताजमहल को हटाया गया । यह बिलकुल बेबुन्याद स्टेटमेंट था ।
एहि नहीं बल्कि यह भी बताते चले के कटटरपंथी हिन्दू मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जबसे सत्ता में आये हैं तबसे उन्होंने मुस्लिमों को हर तरह से निशाना बनाने की कोशिश की है । कभी स्टेशनो का नाम बदल कर तोह कभी अपनी ऊलजलूल ब्यान देकर ।
खैर ताज तोह देश का ताज है और ऐसे कटटरपंथी सोच से इसकी अहमियत काम नहीं हो जाती मगर यह बड़े शर्म की बात ज़रूर है के अमन और मोहब्बत की निशानी ताज महल को इस वक़्त हिंदूवादी सोच का सामना करना पद रहा है ।
टिप्पणियाँ