पश्चिम बंगाल: कूचबिहार में बीजेपी की रैली के बाद, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने गंगाजल और गाय गोबर से धरती को शुद्ध किया। West Bengal: After the BJP rally in Cooch Behar, TMC workers purified the earth from Gangajal and cow dung.

पश्चिम बंगाल: कूचबिहार में बीजेपी की रैली के बाद, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने गंगाजल और गाय गोबर से धरती को शुद्ध किया। West Bengal: After the BJP rally in Cooch Behar, TMC workers purified the earth from Gangajal and cow dung.

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पश्चिम बंगाल: भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा 8 तारिख को बंगाल के कूचबिहार में एक रैली आयोजित की थी जिसके बाद कल वहां तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गंगाजल और गाय के गोबर मिले हुए  पानी को ज़मीन पर छिड़क कर शुद्धि किया। तृणमूल कांग्रेस के पार्टी नेता पंकज घोष ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बीजेपी एक संप्रदायक पार्टी है और उसने यहाँ आकर आम जनता को संप्रदायकता का घिनौना संदेश दिया जबकि यह भगवान मदन मोहन की भूमि है जहाँ संप्रदायकता का कोई रोल नहीं है, इसलिए हिंदू परंपराओं के अनुसार हमने इस जगह को शुद्ध किया।

यह पहली बार नहीं है कि दोनों पार्टयों ने राज्य में अपना संघर्ष जारी रक्खा है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा नेताओं ने जलपाईगुड़ी में उनकी रैली को रोकने के लिए टीएमसी के कदम को "साजिश" के रूप में बताया।

शाह ने पार्टी कैडर को यह सुनिश्चित किया कि बीजेपी निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल में रैली आयोजित करेगी और कोई भी हमें ऐसा करने से रोक नहीं सकता। बता दें की कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भाजपा को कूच बिहार में रथ यात्रा करने से साफ़ इंकार कर दिया था क्योंकि ममता बनर्जी सरकार को इस बात का डर था कि भाजपा के इस कृत्य से राज्य में हिंसा भड़क सकती है।

शाह ने इसके बाद झिन्झिलाते हुए कहा कि सत्ता के दुरुपयोग ने पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ठेस पहुंचाया है और कहा कि यहाँ की मुख्यमंत्री इसका पालन कर रही हैं। शाह ने इसे गैर-लोकतांत्रिक बताते हुए आगे कहा कि ममता बनर्जी भाजपा से डरती हैं जो राज्य में हमारी इन रैलियों को बाधित करने की योजना बना रही हैं। यही कारण है कि उन्होंने रथ यात्रा को रोकने की कोशिश की, उन्होंने कहा।

इस साल बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान बीरभूम क्षेत्र में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था।

इसके बाद, कलकत्ता की उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पत्रों का जवाब न देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को डांट लगाया था, जो राज्य में भाजपा की रैली आयोजित करने की अनुमति मांग रहे थे। अदालत ने राज्य अधिकारियों को 14 दिसंबर तक रथ यात्रा पर निर्णय लेने का भी आदेश दिया।

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