मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सॉफ्ट हिंदुत्व तोह तेलंगाना में मुस्लिम कार्ड खेल रही कांग्रेस। Congress Playing Muslim Card In Telangana But In Hindu Majority State Using Soft Hindutva.

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सॉफ्ट हिंदुत्व तोह तेलंगाना में मुस्लिम कार्ड खेल रही कांग्रेस। Congress Playing Muslim Card In Telangana But In Hindu Majority State Using Soft Hindutva.

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कांग्रेस बड़ी चालाकी से देश भर में जाती की अनुसार अपना दाव खेल रही है । मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जहाँ कांग्रेस हिन्दू वोट बटोरने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व का इस्तेमाल कर रही है और हिन्दुओं को लुभाने के तरह तरह के वादे किये जा रहे हैं तोह वहीँ तेलंगाना में अपने चुनावी प्रचार के लिए खुलकर मुसलमानो से जुड़े मुद्दे को खूब हवा दे रही है। इस मक़सद के लिए पार्टी ने अपने सभी मुस्लिम नेताओं की भीड़ यहाँ खड़ी कर रक्खी है और मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। 

तेलंगाना में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद लगभग 13 फीसदी है और विधानसभा की करीब चालीस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है । कांग्रेस पार्टी यहाँ आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन को यानी के असदुद्दीन ओवैसी को घेरने की कोशिश में पूरी तरह से जुटी हुई है और मतदाताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है । इसलिए यहाँ लुभाने के लिए मुस्लिमों के हक़ की बात कर रही है मगर दूसरी तरफ देश का मिज़ाज देखते हुए देश के दूसरे हिस्सों में सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है।

भाजपा के सत्ता में आने के बाद राहुल गाँधी के हर स्पीच से मुस्लिम शब्द ग़ायब हो चूका है और अब वह हर स्पीच में दलित, पिछड़े जाती, हिन्दू का नाम तो लेती है पर मुस्लिम शब्द से परहेज़ कर रही है । बता दें की हैदराबाद और उसके आसपास के इलाक़ों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का अच्छा ख़ासा असर है और यहाँ कांग्रेस का सीधा मुक़ाबला ओवैसी से है । मुस्लिम मतदाताओं को देखते हुए हर पार्टी यहाँ मुसलमानो का राग अलाप रही है । 

एक सर्वे के मुताबिक़ और तेलंगाना सोशल डेवलपमेंट रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना की कुल मुस्लिम आबादी करीब 1.7% हिस्सा अकेले हैदराबाद और आसपास के इलाक़ों में रहता है। यहाँ से AIMIM के मजबूत होने की बड़ी वजह भी यही है। इसलिए, कांग्रेस हैदराबाद सहित लगभग सभी मुस्लिम बहुल सीट पर चुनाव लड़ते हुए अपनी मौजूदगी का अहसास कराने की कोशिश कर रही है। पार्टी को यकीन है कि वह मुस्लिम मतदाताओं को भरोसा जीतने में कामयाब रहेगी और इसका असर नतीजों पर भी पड़ेगा ।

देखना यह है की यहाँ मुस्लमान किसको अपना समर्थन देता है आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन को या कांग्रेस को जो आजकल सॉफ्ट हिंदुत्व को प्रोत्साहन दे रहा है। 

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