बिहार मॉब लिंचिंग: मुस्लिम बुजुर्ग को चौक पर भगवा आतंकियों ने जिंदा जलाया, बेटे को 75 किलोमीटर दूर दफनाना पड़ा जिस्म। Bihar Mob Lynching; Old Muslim Man Killed And Burnt Alive In Sitamarhi District.
बिहार मॉब लिंचिंग: मुस्लिम बुजुर्ग को चौक पर भगवा आतंकियों ने जिंदा जलाया, बेटे को 75 किलोमीटर दूर दफनाना पड़ा जिस्म। Bihar Mob Lynching; Old Muslim Man Killed And Burnt Alive In Sitamarhi District.
जिस तरह से हिंदुस्तान को अब भारत कह कर सम्बोधित किया जा रहा है और लोग भी इसे भारत के नाम से ही जाने लगे हैं यहाँ तक की आपकी ज़ेहन से हिंदुस्तान नाम को आहिस्ता आहिस्ता फरामोश किया जा रहा है; पुरे देश में हिंदुत्व का नारा दिया जा रहा है । उत्तर प्रदेश के कट्टरवादी हिन्दू नेता योगी आदित्यनाथ द्वारा हर रोज़ उन शहरों, स्टेशनों और इमारतों के नाम बदले जा रहे हैं जो मुस्लिम नाम से हों और मुसलमानो के तालीमी इदारों पर निशाने लगाए जा रहे हों इस से बदतर हालात शायद ही कभी देश में रहे होंगे ।
मुसलमानो की माँ बहन बेटियों की इज़्ज़त लूटी जा रही है और मर्दों को गौ आतंकियों द्वारा सरे आम क़त्ल किया जा रहा है लेकिन इन सब के बावजूद कोई मुस्लिम नेता किसी भी पार्टी से आवाज़ नहीं उठा रहा है यह बहुत अफसोसनाक स्तिथि है ।
बिहार में मॉब लिंचिंग यानी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मुस्लिम बुज़ुर्ग की हत्या का एक दिल दहला देने वाला मामला इस समय हमारे सामने आया है जो बिहार के सीतामढ़ी में पेश आया था, जहाँ तीन हफ्ते पहले हुई एक हिंसा में एक मुस्लिम बुज़ुर्ग को चौराहे पर ज़िंदा जला दिया गया ।
इस घटना के बाद पुलिस के रवैये पर बहुत गंभीर सवाल उठ रहे हैं । बता दें की ना तो इस मामले में अबतक कोई गिरफ़्तारी हुई है और ना ही परिवार को यहाँ की पुलिस के रवैय्ये को देखते हुए कोई भरोसा है । आरोपी अपराधियों को बचाने की कोशिश की जा रही है । बताया जा रहा है कि पिछले महीने हिंसा के दौरान भगववादियों की एक भीड़ ने पहले तो जैनुल अंसारी का गला धारदार हथियार से गाला रेता और उसके बाद चौक पर ले जाकर उसे जिंदा जला दिया । परिवार को इस घटना का पता तीन दिन के बाद चला । पूरा परिवार इस हादसे से सकते में है और डरे सहमे हुए इन्साफ की गोहार लगा रहे हैं मगर उनका कोई सुनने वाला नहीं ।
हिंसा के दौरान सीतामढ़ी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी, लेकिन हत्या के तीन दिन बाद जब एक घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बहाल की गई तब जैनुल अंसारी के परिजनों को एक वायरल फोटो मिला, जो उनकी हत्या का था । कहा यह भी जा रहा है कि प्रशासन के दबाव और धमकी की वजह से जैनुल अंसारी के परिजनों को उनका शव पैतृक गांव से 75 किलोमीटर दूर मुज़फ़्फ़रपुर में दफ़नाना पड़ा जो बहुत दुखद है। दूसरी तरफ, इस पूरे मामले में सरकार ने परिजनों को महज़ पांच लाख की सहायता राशि दी है जो की किसी चंदे के बराबर है याद रहे की इस से पहले उत्तर प्रदेश में तिवारी की मौत पर उसके परिजनों को 25 लाख रूपये, मकान और उसकी बीवी को सरकारी नौकरी प्रदान की गई थी और तत्काल सीबीआई की मांग की गयी थी मगर यहाँ सिर्फ 5 लाख देकर मामले को सलटाने की कोशिश हुई। यह भी बता दें की पुलिस अभी तक किसी अपराधी को गिरफ़्तार नहीं कर पाई है. इस घटना के बाद से बिहार में कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'सुशासन' के तमाम दावों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
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