सबरीमाला मंदिर प्रतिबंध विवाद पर हिंदू चरमपंथियों ने महिला पत्रकारों पर किया हमला | Sabarimala Temple; Hindu Extremist Organisations Gather And Attack Women Journalists.

सबरीमाला मंदिर प्रतिबंध विवाद पर हिंदू चरमपंथियों ने महिला पत्रकारों पर किया हमला | Sabarimala Temple; Hindu Extremist Organisations Gather And Attack Women Journalists. 

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केरल के उद्योग मंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों ने 10 पत्रकारों, पांच भक्तों और 15 पुलिस अधिकारियों पर हमला किया और 10 बसें क्षतिग्रस्त कर दी गईं ।

निलाक्कल, केरल - हिंदू चरमपंथी समूहों ने बुधवार को हिन्दू महिलाओं को भारत के मशहूर पहाड़ी मंदिर सबरीमाला में प्रवेश करने से रोक दिया। बता दें की भारत की शीर्ष अदालत इस बात के विरोध में है जिसमें महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने पर सदियों से हिन्दू चरमपंथी समूहों ने अवैध प्रतिबंध लगा रक्खा है।

केरल के उद्योग मंत्री ईपी जयराजन ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शनकारियों ने 10 पत्रकारों, पांच भक्तों और 15 पुलिस अधिकारियों पर हमला किया और उन्हें गंभीर चोटें आई हैं तथा 10 बसों को हिन्दू चरमपंथियों द्वारा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किये हैं।

सदियों से, केरल राज्य के सबरीमाला मंदिर में हिन्दू चरमपंथियों द्वारा 10 साल से अधिक उम्र वाली महिलाओं या लड़कियों पर मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इसे अवैध बताया और कहा की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से ना रोका जाए और उन्हें भी पूजा करने का सामान्य अधिकार है तथा अदालत के फैसले का उल्लंघन ना किया जाए।

फैसले के मद्देनज़र केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने इस फैसले को कायम रखने के लिए मंदिर के आसपास 100 महिला अधिकारियों सहित 500 पुलिस तैनात किया है।

"किसी को भी मंदिर के परिसर में जाने से और पूजा करने से रोका नहीं जाएगा । इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मनोज अब्राहम ने कहा, "हम धरती के कानून को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।" "किसी को भी अपने हाथों में कानून लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।"

लेकिन जब फैसले के बाद पहली बार यह मंदिर खोला गया तो हजारों नंगे-छाती वाले लोग हिन्दू चरमपंथी शाम 5 बजे से मंदिर में परिवेश करना शुरू कर दिए ।अदालत के फैसले के बावजूद भी वहां आसपास कोई महिला नहीं दिखाई दी। समय गुजरने के बाद जैसे ही कुछ महिलायें पहुंची हिन्दू चरमपंथयों ने उनपर हमला बोल दिया ।

न्यूज़ 18 के दृश्यों से पता चला कि पुलिस ने मंदिर के मुख्य प्रवेश दुआर, निलाक्कल के पास घने जंगल के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने तांता लगाया और जूनही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का पीछा किया तो उनपर चरमपंथियों ने पत्थरों की बारिश शुरू कर दी ।

पी.के. संजीव, धर्म सेना जो विरोध प्रदर्शन आयोजित करने वाले मुख्य समूहों में से एक थे ने कहा कि वे खुश हैं कि महिलाओं को हिन्दू चरमपंथियों द्वारा प्रवेश करने से रोका गया।

उन्होंने रॉयटर्स से कहा, "हम पुलिस से नहीं डरते वह हमें ऐसे करने से रोक नहीं पाएंगे और हम इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।"

भगवावादी हिंदू समूहों ने महिलाओं को मंदिर जाने से रोकने के लिए आत्महत्या करने की भी धमकी दी है, जो कि भारत में महिलाओं के अधिकारों पर बहस का एक केंद्र बिंदु बन चूका है।

हिन्दू हार्डलाइन समूह, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सहयोगी शिवसेना भी शामिल है, कहते हैं कि "मासिक धर्म की उम्र" वाली महिलाओं पर मंदिर में प्रवेश निषेध है इस से देवता अयप्पा नाराज़ होंगे।

केरल की सरकार ने कहा कि यह गुरुवार से दो दिन के लिए एक आपातकालीन कानून लगाएगी ।

केरल के पर्यटन मंत्री के सुरेंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से अपील की के "इस पवित्र भूमि को युद्ध के मैदान में परिवर्तित न करें"।

आंध्र प्रदेश राज्य से चार परिवारों में से जिसमें एक महिला भी शामिल थी मंदिर जाते देख कर हिन्दू चरमपंथयों ने प्रदर्शन करते हुए नारे लगाए और इस से पहले की वह उनपर हमला बोलते पुलिस द्वारा परिवार को बचा लिया गया।

चैनल से फुटेज लेते समय चरमपंथियों ने सीएनएन समाचार 18 के महिला पत्रकार के एक कार की खिड़कियों को तोड़ दिया और उन्हें गन्दी गन्दी गालिया देना शुरू किया तथा हमला करने की कोशिश भी की गई ।

संवाददाता राधािका रामास्वामी ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा, "यह चौंकाने वाला था कि वहां पर मौजूद पुलिस अधिकारी कुछ भी नहीं कर रहे थे।" "विरोधियों ने हमारे वाहन पर हमला किया अगर मैं वहां से नहीं भागती तो मुझे मार डालते।"

न्यूज मिनट वेबसाइट की एक पत्रकार सरिता बालन को मंदिर के क़रीब पहुंचने की कोशिश में भक्तों द्वारा लात घुसे बरसाए। कई अन्य चैनलों से कैमरे और वाहनों को बर्बाद कर दिया गया।

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