होशियार; जानिये किस तरह से हिन्दुत्वादी समूह मुसलमान युवा लड़कियों को फांसने की साज़िश रच रहे हैं। Hindutva Communal Groups Targets & Luring Muslim Girls On The Name Of Love Then Ruin Her Life.

होशियार; जानिये किस तरह से हिन्दुत्वादी समूह मुसलमान युवा लड़कियों को फांसने की साज़िश रच रहे हैं। Hindutva Communal Groups Targets & Luring Muslim Girls On The Name Of Love Then Ruin Her Life.

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अगर आप लिबरल या मॉडरेट मुस्लमान हैं तो आपको और भी ज़्यादा चौकन्ना रहने की ज़रुरत है अब चाहे आप मेरी बात मानें या सरे से नज़र अंदाज़ कर दें मर्ज़ी आपकी है मगर हालिया रिपोर्ट इस बात को पूरी तरह से साबित करती है के मुस्लिम लड़कियों को फांसने के खातिर पूरा हिंदुत्व समूह एक मिशन को लेकर चल रहा है। मौलाना मोहम्मद उमर महफूज़ रहमानी - सोशल मीडिया डेस्क - ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गैर-मुस्लिम लड़कों से शादी करने वाली मुस्लिम लड़कियों की बढ़ती संख्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन कारणों को भली भाँती दर्शाया है और साथ ही यह भी बताया है की किस तरह से उन नौजवान लड़कियों को अंधेरे और गुमराही के खाई में गिरने से बचाया जा सकता है जिन्हें हम यहाँ उल्लेख कर रहे हैं।

गैर-मुस्लिम लड़कों के साथ शादी करने वाली मुस्लिम लड़कियों की मिलने वाली लगातार खबरें हमें दुखी और निराश करती है। एक तोह वह अपने ईमान से जाती हैं दूसरे वे ऐसे परस्तिथयों में फंसती हैं के खुद के परिवार तथा समुदाय से भी हाथ धो बैठती हैं और फिर शुरू होता है उनपर पीड़ा का दौर । 

पिछले कुछ सालों में, नौजवान मुस्लिम लड़कियों को फंसाने के लिए एक सोची समझी योजना तैयार की जा चुकी है जिसमें भगवावादी संगठनों से जुड़े लाखों हिन्दू युवक इनके द्वारा तैयार किये गए योजना के अनुसार पूरी मुस्तैदी से अपने काम को अंजाम देने के लिए निकल चुके हैं और हमारे सामने ऐसी कई घटनाएं आई हैं जहाँ मुस्लिम लड़कियां इनके शिकंजे में फंस कर इस्लाम जैसी बेहतरीन मज़हब से हाथ धो बैठी हैं ।   और दुखद बात यह है की हालिया सालों में इसमें निरंतर वृद्धि हुई है।

पिछले साल, जब मैं पुणे के महाराष्ट्र मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की एक समारोह में भाग लेने के लिए आया हुआ था, तब एक भाई ने मुझे अपनी भतीजी की दुखद कहानी को इस तरह के जाल में फंसने के बारे में विस्तार से बताया। यह रोंगटे खड़े करदेने वाली थी । वह एक कॉलेज में पढ़ रही थी और कॉलेज के परिसर में एक हिन्दू लड़का एक कैंटीन चलाया करता था । अक्सर लड़के और लड़किया कॉलेज समाप्त होने के बाद वहां खाने पिने के लिए बैठा करती थे । वह लड़का अक्सर उनकी भतीजी को डिस्काउंट दिया करता था या कभी पैसे नहीं लेता था । उसकी मीठी बातों और इस तरह इ रवैये को देख कर लड़की प्यार में गिर गई उनका मिलना जुलना बहार शुरू हो गया और आखिरकार वह उसके साथ भाग गई।

कुछ ही महीनों के बाद, बहुत साड़ी यातनाओं और कड़वाहट झेलने के बाद, लड़की अपने माता-पिता के घर वापस लौट आई और हमने उसे इस्लाम में वापस लाने के लिए कलमा पढ़ाया । लड़की से पूछे जाने के बाद उसने जो खुलासा किया वह सुनकर आप दंग रह जाएंगे । उसने बताया की वह शख्स एक भगवावादी संस्था हिन्दू युवा वाहिनी के तहत काम करता है और उसका मक़सद मुस्लिम लड़कियों को जाल में फांसना होता है, वह उसके साथ दिखावे के लिए प्यार मोहब्बत करता है, गिफ्ट देता है और फिर जब लड़की प्यार में पड़ जाती है तो उसे बहला फुसला कर भागने पर विवश कर देता है । उसने बताया की हम भागने के बाद एक आश्रम में पहुंचे जहाँ पास ही एक मंदिर में हमने शादी की फिर हमारे शरीरिक रिश्ते बने और वह मुझे दूसरे दिन आश्रम में हो रहे भजन कीर्तन में भाग लेने के लिए पहले प्यार से कहता रहा पर मेरे इंकार के बाद उसने मुझ पर प्रताड़ना का दौर शुरू कर दिया । वह हर रात मुझे गिद्ध की तरह नोचता था और सुबह आश्रम में भेजा करता था । आश्रम में बैठे लोग मुझे फुसलाते और सहारा देते; कहते थे की माँ की आराधना करना शुरू करदो सब ठीक हो जाएगा और तुम भगवन द्वारा चुनी गई हो । हफ्ते गुज़रे थे की मेरा पति एक दिन शराब पि कर अपने दोस्तों के साथ घर आया और फिर उस रात मुझ पर जो हैवान्यात गुज़री है वह मैं लफ़्ज़ों में बयान नहीं कर सकती । वह अपने दोस्तों के साथ मुझे बिस्तर पर सोने के लिए मजबूर किया और कहा की तेरा और मेरा अंगतरंग का हर वीडियो मेरे पास है जो मैं ने उस दौरान चुपके से रिकॉर्ड किया था और अगर तूने मेरे दोस्तों को मना किया तोह यह वीडियो पोर्न वेबसाइट पर दाल दूंगा । मैं बुरी तरह से फंस गई थी । आश्रम के लोग मुझे अक्सर इस्लाम और मुसलमानो के बारे में बुरा बताते थे और कहते थे की अब तुम हिन्दू हो गई हो लिहाज़ा हमारे संस्था हिन्दू युवा वाहिनी का हिस्सा बन जाओ । एक दिन मैं उनके चंगुल से भाग कर किसी तरह से अपने घर वापस आई क्योंकि जो हो रहा था वह बेहद घिनौना था । यह आपबीती लड़की के चाचा द्वारा हमें बताई गई ।

मुझे यह भी बताया गया कि एक वर्ष की अवधि के दौरान (अक्टूबर 2016 से अक्टूबर, 2017 के बीच), 44 मुस्लिम लड़कियों ने गैर-मुस्लिम पुरुषों से प्यार और लालच में पड़कर विवाह किया जिसमें से कई लड़कियां हिंदुत्ववादी संसथानो में काम भी कर रही हैं और वह इस्लाम के खिलाफ बयानबाजियां करती हैं जैसा की उनका माइंड वाश किया गया है । हाल ही में, कुछ दिन पहले, इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पुणे से आए कुछ भाई ने हमें सूचित किया कि अगस्त, 2018 के महीने के दौरान, 11 मुस्लिम लड़कियों ने गैर-मुस्लिम पुरुषों से शादी करने के लिए आवेदन दायर किया है और सितंबर में 12 मुस्लिम लड़कियों ने विवाह रजिस्ट्रार कार्यालय में इस तरह के अनुरोध को पंजीकृत किया है । महाराष्ट्र के अन्य शहरों और हिस्सों से ऐसे कई दुखी करने वाले समाचार हमें मिले हैं। 

हमने जाना कि मुंबई में 12 लड़कियां, ठाणे में 7, नासिक में 2 और अमरावती में 2 ने ऐसे आवेदन पत्र दायर किए हैं। यह भी ध्यान में रखना होगा कि ये घटनाएं केवल महाराष्ट्र राज्य तक ही सीमित नहीं हैं। हम देश के कई अन्य शहरों में भी इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। जब मुझे अगस्त के दरमियान में भोपाल जाने का मौका मिला, तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रिफॉर्म कमेटी से जुडी बहनों ने मुझे बताया कि भोपाल में कई घटनाएं हुई हैं, जहां न केवल ग़ैर शादी शुदा मुस्लिम लड़कियां गैर-मुस्लिम पुरुषों से शादी करती हैं बल्कि कई मामलों में, विवाहित मुस्लिम महिलाओं ने अपने पतियों और बच्चों तक को छोड़कर गैर-मुस्लिम पुरुषों के साथ भागने के लिए अपना घर छोड़ दिया।

दिल्ली से मिली रिपोर्टों से पता चलता है कि झुग्गी बस्तियों में रहने वाली ग़रीब मुस्लिम लड़कियां इस तरह की हिंदुत्व सांप्रदायिक तत्वों द्वारा बुने गए जाल में फंस कर उनका शिकार बन रही हैं। मौलाना मुहम्मद उम्र ने बताया की आखिरी शाबान जब मैं अहमदाबाद में था तोह मुझे बताया गया कि सोशल मीडिया जैसे की फेसबुक, इंस्टाग्राम पर मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है । उन्हें इनबॉक्स में पहले तो ग़लती से मैसेज किये जाते हैं फिर आहिस्ता आहिस्ता चैट का सिलसिला शुरू किया जाता है फिर उन्हें चॉक्लेट, गिफ्ट, फूलों का बंच, कपडे, मोबाइल और आई-पैड देकर उन्हें फांसा जा रहा है। 

जैसा ऊपर बताया गया है, ऐसी घटनाएं सिर्फ संयोग नहीं हैं, बल्कि अच्छी तरह से विचार करके हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा साज़िश का हिस्सा है और अगर आपको लगता है की ग़लत है तो आप खुद सोशल मीडिया पर इसका तजुर्बा कर सकते हैं या फिर मुंबई जा कर उन लड़कियों से मिल सकते हैं जो किसी तरह से उनके चंगुल से निकल पाई हैं । यह काम पूरी योजना के साथ किया जा रहा है । इस देश में 'लव जिहाद' जैसी कोई बात नहीं है, फिर भी, इस शब्द का इस्तेमाल बदला लेने के लिए हिंदू युवाओं को उत्तेजित करने और मुसलमानों को इमान और मुस्लिम लड़कियों के जीवन को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। इससे पहले, योजना कम प्रोफ़ाइल तरीके से की गई थी; लेकिन, अब यह खुले तौर पर किया जा रहा है।

आगे मौलाना रहमानी बताते हैं की इस तरह के घटनाओं को सुनने के बाद, मैंने अपनी खुद की जांच शुरू की और मेरे कुछ साथी शामिल हुए और हमारी जांच से निकलने वाले निष्कर्ष चौंकाने वाला और बेहद खतरनाक था । मैं समझता हूँ कि उन्हें तफ्सीली रूप से आपके सामने रखना बहुत ज़रूरी है ताकि आप अपनी लड़कियों को इस्लाम और ईमान से दूर होने तथा अंधी गली में भटकने से बचाएँ ।

चलिए आपको बताते हैं की यह हिंदुत्ववादी संगठनों के भगवावादी लड़के किस तरह से पूरी योजना के साथ मुस्लिम लड़कियों को फांसने की साज़िश रचते हैं ।

1. देश के हर राज्य में भिन्न भिन्न स्थानों पर हिंदू युवाओं की पूरी योजनाबद्ध टीम बनाई गई है। उनका काम मुस्लिम लड़कियों को लुभाना और उन्हें बर्बाद करना है। सबसे पहले वे सहानुभूति दिखा कर मुस्लिम लड़कियों के करीब आते हैं, उन्हें प्यार के जाल में फांसते हैं और फिर उनसे शादी करने का वादा करते हैं। फिर उनके द्वारा मुस्लिम लड़कियों का यौन शोषण का चरण शुरू होता है और जब लड़की अपनी पाकीज़गी  और सम्मान खो देती है, तो वह उस हिन्दू लड़के को औपचारिक रूप से शादी करने का आग्रह करती है। फिर मैरिज रजिस्ट्रार के साथ एक अनुरोध पंजीकृत किया जाता है। नियमों के मुताबिक, एक महीने का नोटिस जरूरी है और इस अवधि को किसी भी व्यक्ति को इस तरह के विवाह पर आपत्ति उठाने के लिए रखा जाता है। शादी के लिए आवेदन करने वाले दलों के परिवारों को नोटिस जारी करना भी आवश्यक है।

जब ऐसी सूचना जारी की जाती है (जिसमें लड़के की तस्वीरें और लड़की शादी करने का इरादा रखती है), लड़का अपने भगवा संस्थानों के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर नोटिस वायरल करने का इंतज़ाम करता है और उसकी पूरी टीम यह सुनिश्चित करती है कि यह नोटिस वायरल हो जाए। जब मुस्लिम समुदाय के लोग और क्षेत्र के बुजुर्गों को जानकारी मिलती है, तो वे इस तरह के विवाह को रोकने की कोशिश करते हैं। सामाजिक दबाव के तहत, लड़की और उसके माता-पिता शादी रोकवा देते हैं जैसा के नार्मल है और इसतरह से लड़की के माता-पिता, बुजुर्ग और समुदाय के नेता लड़की की आंखों में अपराधी बन जाते हैं जबकि लड़के को क्लीन चिट मिल जाती है और वह एक निर्दोष संत के रूप में साफ छबि पेश करता है। फिर लड़की उदास हो जाती है और डिप्रेशन का शिकार बन जाती है। इस प्रकार वह खुशी से शादीशुदा पारिवारिक जीवन पाने का मौका और सामाजिक अधिकार खो देती है और यहां तक ​​कि अगर वह शादी कर भी लेती है, तो उसका अतीत उसे परेशान करता रहता है। अगर कोई उससे शादी नहीं करता है, तो संबंध बनाए रखने का दरवाजा उसके लिए खुला रहता है।

2. षड्यंत्र का एक और रूप है। प्रेम और भावना के नाम पर लड़की को लुभाने के बाद, उसे अपने धर्म को छोड़ने के लिए तैयार किया जाता है। उसे ट्रिप्पले तलाक़, हलाला जैसी बातों को बुरा बता कर इस्लाम धर्म की बुराई और औरतों के अत्याचार के रूप में दिखाया जाता है। फिर जब लड़की मानसिक रूप से तैयार हो जाती है तोह दोनों औपचारिक रूप से शादी करते हैं और कुछ महीनों या एक वर्ष तक एक साथ रहते हैं । इस बीच उनके रहने सहने, खाने पिने का फण्ड भगवा संसथान करते हैं । फिर कुछ समय बाद दोनों के बीच संघर्ष और झगड़े शुरू हो जाते हैं। चूंकि लड़की अपने माता-पिता और समाज से अलग हो चुकी होती है, इसलिए उसके पास वापस लौटने का कोई विकल्प नहीं बचता । फिर यहाँ से उस हिन्दू लड़के द्वारा भयानक खेल खेला जाता है और फिर लड़की को जिस्म फरोशी के गंदे दल दल में फ़ेंक दिया जाता है। हाल ही में पांच ऐसी मुस्लिम लड़कियां मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई जिसके पति ने उसे जिस्म फरोशी करने के लिए एक आश्रम में बेच दिया था और जिसका खुलासा अंग्रेजी समाचारपत्र दी स्टेट्समैन में किया गया था।

3. इस गंभीर षड्यंत्र का एक हिस्सा मिक्स स्कूल और कॉलेज है जहाँ युवा लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ाई करते है और चूँकि यह सुरक्षित प्लेटफॉर्म प्रदान करती है इसलिए हिन्दुत्ववादियों के लिए यह सब से बेहतरीन जगह साबित होती है। हिन्दुत्वा सांप्रदायिक मानसिकता वाले हिंदू लड़के इसके लिए उर्दू कविता का सहारा लेते है और इसके लिए वह इसे सीखते है जिसके द्वारा वे मुस्लिम लड़कियों को फंसाने में इसका इस्तेमाल करते हैं। नादान मुस्लिम लड़कियां आसानी से इस तरह के षंडयंत्र से प्रभावित हो जाती हैं और अच्छी तरह से बच्चे इस जाल में गिर जाती हैं। यहाँ से प्यार और मोहब्बत के झांसे में अपना सब कुछ गँवा बैठती हैं । कॉलेजों के अलावा, निजी शिक्षण और कोचिंग कक्षाएं भी इसतरह के लापरवाही और विश्वासहीनता को बढ़ावा देने के साधन बन रहे हैं।

4. दूसरे मामलों में जहां मुस्लिम लड़कियां दीनदार हैं और अच्छे माहौल में पली बढ़ी हैं वहां इसतरह की दीनदार लड़कियों को फांसने के लिए  हिंदू लड़कियों का सहारा लिया जाता है ।उन्हें पैसे देकर मुस्लिम लड़कियों से दोस्ती करने के लिए कहा जाता है; जब दोनों के बीच दोस्ती हो जाती है और कुछ महीने गुज़र जाते हैं तब वह हिन्दू लड़की मुस्लिम लड़की को अपने भाइयों या दोस्तों के रूप में गलत प्रकार के भगवावादी लड़कों से परिचय करवाती हैं। फिर यहाँ से उस हिन्दू लड़की का काम ख़त्म हो जाता है और वह दूसरे मुस्लिम लड़की को फांसने के लिए निकल पड़ती है । ऐसे रिपोर्ट सामने आये हैं जिनमें हिन्दू युवा वाहिनी की लडकियां इस तरह के काम को अंजाम देती हैं और इसके लिए हिन्दू संस्था उन्हें अच्छे पैसे देता है । एक बार मुस्लिम लड़की इस जाल में फंस जाती है तो फिर लड़के द्वारा लड़की का शोषण किया जाता है और फिर उसकी इज़्ज़त और आबरू को रौंद दी जाती है ।

5. इसके इलावा मुस्लिम लड़कियों के मोबाइल नंबर मोबाइल दुकानों और फोटोकॉपी केंद्रों द्वारा हासिल किया जाता है और ऐसे लड़कों को साझा कर दिया जाता है जो इस मिशन का हिस्सा होते हैं । मोबाइल नंबर मिलने के बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट जैसे की फेसबुक और व्हाट्सप्प पर पहुँच आसान हो जाती है । गैर-मुस्लिम लड़के फेसबुक के जरिया मुस्लिम लड़कियों के साथ दोस्ती करते हैं और कई बार व्हाट्सप्प पर मैसेज भी करते हैं फिर उनमें से कुछ लड़कियां उनसे चैट करने का सिलसिला शुरू कर देती हैं और प्यार के झांसे में फंस जाती हैं । यह हिन्दू लड़के किसी मुस्लिम के नाम से अकाउंट बना कर या अपना मुस्लिम नाम बता कर उनसे क़रीब होते हैं । लड़की को जबतक उसकी असलियत पता चलती है तबतक देर हो जाती है और यह संघी लड़के उन्हें धोका देकर उनकी इज़्ज़त से खिलवाड़ कर जाते हैं फिर उस लड़की के लिए वापस लौटने के लिए बहुत देर हो चुकी होती है।

6. मुस्लिम लड़कियों को लुभाने के लिए अत्यधिक धन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मुझे विभिन्न स्थानों से ज्ञात हुआ है कि लड़कियों को उनके दिल में पहली जगह बनाने के लिए उच्च मूल्य उपहार प्रस्तुत किए जाते हैं। इस तरह, सहानुभूति भी एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है। अगर यह किसी भी तरह से ज्ञात है कि लड़की परेशानी में है या घर की स्थिति अच्छी नहीं है या उनके घर वाले उनका ध्यान नहीं रख रहे हैं तोह उन्हें फांसना और भी आसान हो जाता है ऐसे हालात में यह इंसानी शकल में भगवा भेड़िये अपने संघी संस्थान से पैसे लेकर उन्हें लुभाने में कामयाब होते हैं। तब सहानुभूति का नाटक लड़की को जाल में लुभाने के लिए खेला जाता है; आखिरकार लड़की प्यार और सहानभूति के झांसे में आकर अपनी इज़्ज़त और आबरू खो देती है फिर उन्हें हिन्दू युवा वाहिनी वाले गुर्गे आमंत्रित करते हैं और फिर उन्हें अपने संसथान का हिस्सा बनाकर इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए उनका माइंड वाश करते हैं।

लिहाज़ा आपने बीते वक़्तों में देखा ही होगा की कुछ मुस्लिम लडकियां आरती करते, उनके भगवानो को फूल माला चढ़ाते, ट्रिप्पले तलाक़ की मुखालफत करते और इस्लाम को बदनाम करने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हैं और मोदी को मसीहा के रूप में प्रचारित करती हैं । िनेमिन ज़्यादा तर वही मुस्लिम लडकियां होती हैं जो इन तरीकों से इस्लाम से दूर किया गया है । मुस्लिम माँ बाप की यह सब से पहली ज़िम्मेदारी है की वह अपने बच्चों का ठीक से धेयान रखें, उन पर नज़र रक्खें और इस्लाम की सही तालीम से नवाज़े वर्ण क़यामत के दिन उन्हें भी अल्लाह के नज़दीक जवाब देना होगा । इस मैसेज को ज़रूर शेयर करें और ज़्यादा तर भाइयों और बहनों तक पहुंचाएं ।  आगे हम बताएँगे की आपको इन हिंदुत्ववादी गंदे हथकंडों से किस तरह से बचना है । 

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