अमृतसर रेल हादसा; दशहरा मना रहे 80 लोगों के भीड़ को ट्रेन कुचलते हुए गुज़र गई | Amritsar Train Accident; Indian Train Mows Down Around 80 People, Many Injured.
अमृतसर रेल हादसा; दशहरा मना रहे 80 लोगों के भीड़ को ट्रेन कुचलते हुए गुज़र गई | Amritsar Train Accident; Indian Train Mows Down Around 80 People, Many Injured.
भारत के उत्तरी पंजाब राज्य में अमृतसर के पास एक भयानक और दिल को दहला देने वाला भयानक हादसा पेश आया जिसमें एक ट्रेन पटरी पर खड़ी भीड़ को कुचलते हुए गुज़र गई जिसमें 80 से ज्यादा लोग मारे गए और 100 बुरी तरह से घायल हो गए।
पीड़ित तथा मारे जाने वाले यह लोग दशहरे के मौके पर रेलवे पटरियों पर खड़े रावण के पुतले को जलते हुए देख और वीडियो बना रहे थे, जो हिन्दुओं के लिए एक पवित्र तेहवार के रूप में हर साल मनाया जाता है । यह तेहवार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
उन्होंने दूर से आने वाली रेल की सिटयों की आवाज़ नहीं सुनी क्योंकि वह सब लोग दशहरे के दौरान रावण के पुतले के जलने की वीडियो बनाने में व्यस्त थे और पटाखों की आवाज़ में रेल की सिटी की आवाज़ समझ नहीं आई । जबतक लोग संभल पाते हादसा पेश आ गया जिसकी वीडियो आप यहाँ देख सकते हैं।
मिली रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला की इस हादसे में मरने वालों में अधिकाँश बच्चे हैं।
वहां मौजूद लोग रावण के पुतले को जलता देख रहे थे, और साथ ही आतिशबाजी प्रदर्शन हो रही थी, उस समय कई लोग पीछे हटते हुए रेलवे की पटरी पर चले अये और तभी यह हादसा पेश आ गया।
कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि आयोजकों ने लोगों को फूटते हुए पटाखों से दूर हट जाने के लिए कहा, जबकि अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रतिभागि रेलवे ट्रैक की ओर भाग गए क्योंकि उन्हें डर था के जलता हुआ पुतला उनकी ओर ना गिर जाए।
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, रेल की पटरी पर खड़े कई लोग अपने फोन से इस उत्सव को फिल्माने में व्यस्त थे और उन्होंने उच्च गति से आने वाली ट्रेन को नहीं देखा।
पुलिस का कहना है कि फायरक्रैकर्स की आवाज़ और भीड़ के शोर के वजह से पीड़ितों को सामने से आने वाली ट्रेन की आवाज़ सुनाई नहीं दी और यह हादसा पेश आ गया ।
भीड़ को कुचलने वाली ट्रेन जालंधर से अमृतसर जा रही थी ।
प्रत्यक्षदर्शी अमर नाथ ने बीबीसी पंजाबी को बताया कि।
"मैंने पटरियों से कटे हुए मुर्दा शरीर जब हटाया तोह मेरे हाथ खून से भरे हुए थे।"
स्थानीय निवासी अमित कुमार ने बीबीसी को बताया कि यहाँ यह समारोह आम तौर पर इसी जगह पर मनाई जाती रही हैं: "हर साल, जब लोग यहां उत्सव मनाते हैं तो लोग अक्सर ट्रैक पर बैठते हैं"।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना को "दुखद" बताया, और एक ट्वीट में लिखा कि स्थानीय अधिकारियों को "संगठित" किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "हम घायल लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे," उन्होंने कहा: "[मैंने] जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि उनके लिए सबसे अच्छा संभव उपचार सुनिश्चित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाए और कोई कसार नहीं छोड़ा जाए।"
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को मुफ्त में चिकित्सा सहायता दी जाएगी।
शोक की स्थिति घोषित कर दी गई है - पंजाब में शनिवार को कार्यालयों और स्कूलों को इस शोक के कारन बंद रक्खा जाएगा, रॉयटर्स की रिपोर्ट।
सवाल यह है की किया इस इवेंट के लिए अनुमति दी गई थी?
कई प्रश्न उठाए जा रहे हैं कि कैसे रेलवे ट्रैक से थोड़ी ही दूरी पर उत्सव मानाने की अनुमति दी गई।
पुतले जलाने के लिए अग्नि सुरक्षा अधिकारियों और विभिन्न विभागों में अनुमति ली गई थी।
राज्य के मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिए जांच कमिटी का गठन किया है कि क्या अनुमति दी गई थी और अगर दी गई थी तोह किसके द्वारा।
ट्रेन दुर्घटनाएं भारत में काफी आम बात हैं, जहां अधिकांश रेलवे उपकरण पुराने हैं, हालांकि हाल के वर्षों में संख्याएं घट गई हैं।
दुशेरा त्यौहार क्या है?
हिन्दू समुदाय 10 सरों वाले राक्षस राजा रावण पर हिंदू भगवान राम की जीत का जश्न मानते हैं
बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करते हैं
भारत के बड़े हिस्सों में इसे रामलीला का नाटक बना कर मनाया जाता है - 10 दिनों की लड़ाई का एक नाटकीय लोक पुनर्मूल्यांकन
हर साल अक्सर 10 या उससे अधिक लगातार रातों तक यह नाटक कार्यक्रम चलता है
यह महोत्सव रावण के पुतलों को जलाने वाले भक्तों के साथ समाप्त होता है जो खुले मैदानों में फटाके के साथ जलाए जाते हैं
यह रावण का पुतला जलाने का समय सूर्यास्त के आसपास होता है क्योंकि कहा जाता है कि इसे जलाने के लिए "ना तो सूरज की रोशनी और ना ही घोर अंधेरा हो"
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को "हृदय-छिद्रण" के रूप में वर्णित किया |
Amritsar train accident video pic.twitter.com/nR4Y8nRYg2— Gautam Gambhir (@Bihari_lion) October 19, 2018
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