भाजपा शाषित राज्यों के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा का भगवाकरण; Distributing Gita In Educational Institutions, BJP’s Move Saffronising Indian Education System.
भाजपा शाषित राज्यों के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा का भगवाकरण; Distributing Gita In Educational Institutions, BJP’s Move Saffronising Indian Education System.
- BJP’s next attempts of saffronising the Indian education system.
- Bhagavad Gita a “non-religious” text and “a way of life”, Maharashtra Education Minister Vinod Tawde
- vinod tawde said "nothing communal in distributing the text in educational institutes".
महाराष्ट्र मिलाकर बाक़ी उन सभी राज्यों में जहाँ भाजपा की हिन्दू कट्टरवादी सरकार है ने अब सभी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा का भगवाकरण करना शुरू कर दिया है | अब स्कूलों और कॉलेजों में हिन्दुओं की धार्मिक किताब गीता को शामिल किया जाएगा और इसे जीवन व्यतीत करने का पवित्र रास्ता बताया जा रहा है |
इस मामले में महाराष्ट्र शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने उठते सवालों पर जवाब देते हुए यह कहा कि इसके इलावा अन्य धर्मों की पवित्र पुस्तकों की प्रतियां भी कॉलेजों को दी जा सकती हैं, बशर्ते वे मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएं साथ ही इस निर्णय की सराहना करते हुए महाराष्ट्र शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने शनिवार को कहा कि भगवद् गीता को "गैर-धार्मिक" पाठ और "जीवन व्यतीत करने का एक तरीका" कहा गया है, अपने भगवा सोच को ज़बरदस्ती थोपते हुए उन्होंने यह भी कहा की शैक्षिक संस्थानों में इस तरह की धार्मिक किताबों का वितरण करने में सांप्रदायिक जैसा कुछ भी नहीं है।
अपनी कट्टरपंथी सोच का समर्थन करते हुए उन्होंने यह भी कहा की "आजकल, अगर कोई शैक्षिक संस्थानों में गीता को वितरित करने के बारे में सोचता भी है तो इस कदम को भाजपा के शिक्षा तंत्र को भगवाकरन करने के प्रयासों के रूप में देखा जाता है, उन्होंने साथ ही यह आरोप भी लगाया कि मीडिया इस क़दम को बढ़ा चढ़ा कर इस तरह से पेश करने की कोशिश करता है जैसा की वाक़ई भगवाकरण हो गया हो |
“I asked the officials to help them (the Trust). But, the Gita bhakts (people of the Trust) themselves went to the colleges and distributed the copies,” Taude said.
तावडे ने दक्षिण मुंबई के गिरगाम में भक्तिवेन्दित विद्यापिथा रिसर्च सेंटर के लॉन्च पर कहा "आज, भगवद् गीता का वितरण मतलब है कि एक सांप्रदायिक कदम है। हम इस मानसिकता से कब बाहर आएंगे? यहां तक कि कक्षा 1 के बच्चे को गीता के माध्यम से जीवन के कई पहलुओं को भी पढ़ाया जा सकता है, उन्होंने कहा"।
उन्होंने अपनी भगवा विचारधारा को सही ठहराते हुए यह भी कहा की, "गीता, वेद और उपनिषद धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, लेकिन प्रकृति में दार्शनिक और वैज्ञानिक हैं और इन ग्रंथों को सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि आम आदमी के लिए भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए क्योंकि वे जीवन शैली का हिस्सा हैं।"
शिक्षा मंत्री ने कहा, "यदि कुरान और बाइबिल की प्रतियां मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं, तो उन्हें कॉलेजों में भी वितरित किया जाएगा और मुझे इसपर कोई आपत्ति नहीं है।"
विपक्षी दलों के दिग्गज नेताओं ने इसे शिक्षा प्रणाली का "भगवा करन" करने का इलज़ाम लगाया और कहा की इसतरह की कट्टर विचारधारा समाज के ताने बाने को खतरे में डालने का प्रयास है साथ ही समाज को पीछे धकेलने की बेवकूफाना कोशिश है।
तावडे ने अपनी श्रद्धा को ऊपर रखते हुए कहा की "मैंने अधिकारियों से उनकी (ट्रस्ट) मदद करने के लिए कहा लेकिन, गीता भक्त (ट्रस्ट के लोग) स्वयं कॉलेजों में गए और गीता की प्रतियां वितरित की"।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2020 और 2045 के बीच, भारत दुनिया का सबसे कम उम्र वाला देश होगा और जिसका उद्देश्य दुनिया को मात्र मानव संसाधन की पूर्ति ही नहीं करना बल्कि दुनिया को बदलने के लिए वेदों द्वारा सुझाये गए ज्ञान को लागू करना भी होगा |
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