'हिंदू-पाकिस्तान' टिप्पणी पर शशि थरूर को कोलकाता कोर्ट द्वारा हाज़िर होने को कहा गया | Hindu-Pakistan Controversy; Shashi Tharoor Summoned By Kolkata Court.
'हिंदू-पाकिस्तान' टिप्पणी पर शशि थरूर को कोलकाता कोर्ट द्वारा हाज़िर होने को कहा गया | Hindu-Pakistan Controversy; Shashi Tharoor Summoned By Kolkata Court.
Shashi Tharoor Controversial Statement Over Hindu Pakistan And Hindu Rashtra |
Shashi Tharoor summoned by Kolkata Court over his ‘Hindu-Pakistan’ remark
शशि थरूर की 'हिंदू-पाकिस्तान' टिप्पणीपर: वकील सुमित चौधरी ने आरोप लगाया कि शशि थरूर की हिन्दू पाकिस्तान टिप्पणी ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को तकलीफ पहुंचाया है और हमारे देश के संविधान का अपमान किया है ।
बता दें की शनिवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत ने एएनआई को जानकारी देते हुए बताया की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को शनिवार को अपनी 'हिंदू-पाकिस्तान' टिप्पणी पर बुलाया गया था । वकील सुमित चौधरी ने आरोप लगाया है कि थरूर की टिप्पणियों ने हिन्दुओं के धार्मिक भावनाओं को आहत किया है साथ ही संविधान का अपमान भी किया है । इस मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर को 14 अगस्त को कोलकाता की अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।
बुधवार को तिरुवनंतपुरम में 'भारतीय लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता से पीड़ित खतरों' पर लोगों को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने कहा था की "अगर बीजेपी 2019 में लोकसभा में अपनी वर्तमान ताकत को दोहराएगी, तो यह रास्ता तय करेगा भारतीय संविधान के टुकड़े होने का और जिसके परिणामस्वरूप भारत 'हिंदू पाकिस्तान' के लिए अपनी ज़मीन हमवार करेगा |
इस मामले पर बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने शशि थरूर के भाषण की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद थरूर ने भारत के लोकतंत्र और हिंदुओं की भावनाओं का अपमान किया है और वह इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफ़ी मांगने की बात कही |
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा कि यह एक दुर्व्यवहार और अत्यधिक आपत्तिजनक बयान है। "यह टिप्पणी पाकिस्तान के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की तुलना करने के लिए एक दुर्व्यवहार और अत्यधिक आपत्तिजनक बयान है। पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "यह हमारे लोकतंत्र और हिंदुओं का अपमान है।" पात्रा ने कहा, "हिंदू आतंकवादियों से हिंदू पाकिस्तान, को जोड़ना बेहद शर्मनाक है |
थरूर के बयान को "हेलुसिनेशन" कहते हुए केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यह कांग्रेस थी जिसने संविधान और नागरिकों की आजादी का उल्लंघन किया था।
दूसरी तरफ, थरूर की विवादास्पद टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए, कांग्रेस ने अपने नेताओं से भगवा पार्टी द्वारा प्रचारित घृणा को खारिज करते हुए सावधानी से अपने शब्दों का चयन करने का आग्रह किया।
वरिष्ठ पार्टी के नेता पी एल पुनिया ने कहा, "शशि थरूर को यह बताना चाहिए कि उन्होंने ऐसी टिप्पणी क्यों की लेकिन एक बात तोह निश्चित है कि बीजेपी-आरएसएस हमेशा मानते आये हैं कि संविधान में कुछ बदलाव होना चाहिए। संविधान, जैसा कि इस समय है, वह उन्हें स्वीकार्य नहीं है। "
जहाँ शशि थरूर की टिप्पणियों के बारे में सभी जगह हलचल मचा हुआ है; उसके बावजूद, थरूर ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिया यह बात साफ़ करदिया के वह अपने टिप्पणी को वापस नहीं लेंगे और माफ़ी मांगने से साफ़ इंकार कर दिया साथ ही यह भी कहा कि हिंदू राष्ट्र का बीजेपी-आरएसएस विचार पड़ोसी "असहिष्णुतापूर्ण राज्य" की दर्पण की छवि साफ़ साफ़ दिखा रहा है |
उन्होंने कहा की पाकिस्तान को एक ऐसे प्रमुख राज्य के रूप में बनाया गया था जो अपने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करता है और उन्हें समान अधिकारों से वांछित रखता है। भारत ने उस तर्क को कभी स्वीकार नहीं किया जिसने देश को विभाजित किया था। लेकिन बीजेपी-आरएसएस का हिंदू राष्ट्र का विचार पाकिस्तान की दर्पण की छवि है |
"थरूर ने जो मुद्दा उठाया है वह एक गंभीर मामला है, जो बहुत प्रासंगिक भी है। यदि मोदी सरकार फिर से सत्ता में आती है तोह भाजपा संविधान को फिर से लिखने का प्रयास ज़रूर करेगी। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेनिथला ने कहा, "थरूर ने इस खतरे के बारे में चेतावनी दी है और उनके बयान में कुछ भी गलत नहीं है।"
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