इज़राइल-यूनाइटेड स्टेट जेरूसलम दूतावास स्थान्तरण के लांच उत्सव में अधिकाँश देश अनुपस्थित रहे | Many Foreign Envoys Were Absent In Jerusalem Israel-U.S Embassy Shifting Festive.
इज़राइल-यूनाइटेड स्टेट जेरूसलम दूतावास स्थान्तरण के लांच उत्सव में अधिकाँश देश अनुपस्थित रहे | Many Foreign Envoys Were Absent In Jerusalem Israel-U.S Embassy Shifting Festive.
जेरूसलम (रायटर) - इजरायल ने रविवार को अमेरिकी दूतावास के यरूशलेम में स्थानांतरित होने के लिए एक समारोह शुरू किया | यह इजराइल और अमेरिका द्वारा एक ऐसा ऐतिहासिक कदम था जिसने विश्व सर्वसम्मति को आपस में बिखेर दिया है | प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा आयोजित इस स्वागत समारोह से देश के अधिकांश दूतावासों ने दुरी बनाये रक्खी और अपनी अनुपस्थिति से अपनी नाराज़गी का इज़हार किया |
अमेरिकी खजाना सचिव स्टीवन म्यूनुचिन और राष्ट्रपति की बेटी और दामाद, इवानका ट्रम्प और जेरेड कुशनर समेत विदेश मंत्रालय में गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए इजरायली प्रधान मंत्री ने दूसरे मुल्कों से वाशिंगटन के नेतृत्व का पालन करने का आग्रह किया।
नेतन्याहू ने कहा, "आपलोग अपने दूतावासों को यरूशलेम ले जाएं क्योंकि यह करना आपके लिए सही है और यह विश्व शांति को आगे बढ़ाने का सही क़दम है, और ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आप झूठ की बुन्याद पर शांति का आधार नहीं बना सकते हैं।"
नेतन्याहू ने कहा कि "किसी भी शांति समझौते के तहत आप संभवतः कल्पना ही कर सकते हैं, यरूशलेम इजरायल की राजधानी ही रहेगा"।
यरूशलेम, जो यहूदियों, मुसलमानों और ईसाइयों के लिए पवित्र मन जाता है, को अमेरिकी ध्वज के डिजाइन के रूप में सड़क के किनारे फूलों से सजाया गया था और "ट्रम्प ने इज़राइल को फिर से महान बनाया" फूलों से बने पोस्टर पर लिखा हुआ था।
संयुक्त राज्य अमेरिका में फिलिस्तीन लिबरेशन संगठन के सामान्य प्रतिनिधिमंडल ने कहा, "दुख की बात है कि अमेरिकी प्रशासन ने एक ऐसे शहर पर इजरायल के विशिष्टतावादी दावों के साथ पक्षपात करना चुना है, जो सदियों से सभी धर्मों के लिए पवित्र मन जाता रहा है।"
साथ ही उन्होंने अपने एक और बयान में कहा कि अमेरिकी दूतावास की जेरूसलम स्थान्तरण एक विश्व शांति के बजाय धार्मिक संघर्षों को आगे चल कर बढ़ावा देगी |
इज़राइल ने अपने बयान में कहा कि इज़राइल ने अपने राजनयिक मिशन वाले सभी 86 देशों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया था जिसमें से 33 मुल्कों ने इस प्रोग्राम में शरीक होने की पुष्टि की थी। जबकि उन में से ग्वाटेमाला और पराग्वे के प्रतिनिधि मौजूद थे, जो इस महीने के अंत में अपने स्वयं के यरूशलेम में दूतावास खोलेंगे।
विदेश मंत्रालय की सभा में भाग लेने में हंगरी, रोमानिया और चेक गणराज्य के प्रतिनिधि शामिल थे, लेकिन पश्चिमी यूरोपीय संघ राज्यों में से कोई भी नहीं था।
जेरूसलम के प्राचीन दमिश्क गेट के बाहर हज़ारों की तादाद में इज़राइलियों ने रविवार को एक उत्सव में खूब नृत्य किया जो 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में इस्राएलियों ने अरब सेनाओं को हरा कर पुराने शहर दमिश्क़ पर क़ब्ज़ा करने में सफल रहे थे यह उत्सव इस्राएलियों ने उसी ख़ुशी में मनाया था ।
और सैकड़ों इज़राइली अधिकारियों ने अल अक्सा मस्जिद परिसर में प्रवेश किया । वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि कुछ यहूदियों ने नमाज़ पढ़ रहे फलस्तीनियों को सताया,धार्मिक प्रतिबंधों का उल्लंघन किया और वहां मौजूद मुसलमानो को निशाना बनाया गया |
गाजा के साथ लगी सीमा पर, फिलिस्तीनियों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। हाल में हुए इसरायली-फलस्तीनी हिंसक झड़प में अब तक 40 से अधिक फिलिस्तीन मारे जा चुके हैं।
रविवार को जारी एक रिकॉर्ड किए गए भाषण में, अल कायदा के नेता अयमान अल-जवाहरि ने दूतावास पर ट्रम्प के फैसले की आलोचना की, साथ ही साथ मुस्लिम देशों के नेताओं से फिलीस्तीनियों को बेच देने का इलज़ाम लगाया । उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल का तेल अवीव मुस्लिम भूमि था ।
ट्रम्प प्रशासन ने इजरायल-फिलिस्तीनी कूटनीति दरवाजा को खुला रखने को कहा है कि | साथ ही यह भी कहा गया की शहर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, फिलीस्तीनी संबंधों को बनाये रखने का काम करता रहेगा।
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