आज़ादी के बाद से अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड | 50 मुस्लिम उम्मीदवारों ने इस साल पास की सिविल सेवा परीक्षा | New Record After Independence; 50 Muslim Candidates Cleared Civil Service Examination This Year |

आज़ादी के बाद से अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड | 50 मुस्लिम उम्मीदवारों ने इस साल पास की सिविल सेवा परीक्षा | New Record After Independence; 50 Muslim Candidates Cleared Civil Service Examination This Year | 

Muslim Candidates Cleared Civil Service Exam

संघी खीमे में इसवक्त सबसे ज़्यादा खलबली इस बात पर मची हुई है के आखिर मुस्लमान इतनी तादाद में सिविल सर्विस परीक्षा कैसे निकाल रहे हैं और ग़ुस्से में मुसलमानो को अपने हिंदुत्व पेज के जरिया तरह तरह की गालियां निकाली जा रही हैं | बता दें के यह वही लोग हैं जो कभी मुसलमानो पर यह तंज़ कसा करते थे के वह या तोह मोटर गैराज में काम करते हैं या फिर बस कंडक्टर बनते हैं और आज बोखलाए नज़र आ रहे हैं और देश के लिए इनको खतरा बता रहे हैं | 

2006 में सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता में एक पैनल ने इस रिपोर्ट का खुलासा किया था कि मुसलमानों का  सिविल सेवाओं में केवल 3% और पुलिस सेवा में 4% का रेश्यो रह गया है और जो दिन बा दिन कम ही होती चली जा रही है |

जकात फाउंडेशन के चेयरमैन और संस्थापक जफर महमूद ने कहा, "ऐसा पहली बार हुआ है कि मुसलमानों ने इतनी तादाद में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास की है ।" अब ऐसा लग रहा है कि मुस्लिम समुदाय प्रगति कर रहा है।"



एक एनजीओ जो की दिल्ली के जामिया नगर में मुस्लिम युवाओं के लिए सिविल सेवा कोचिंग सेंटर चलाता है।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता में एक पैनल ने 2006 में नोट किया था कि मुसलमानों ने सिविल सेवाओं में केवल 3% प्रतिनिधित्व और पुलिस सेवा में 4% भाग लिया था। इस साल सिविल सेवा परीक्षा को पास करने वाले लगभग 4.5% छात्र मुस्लिम हैं।

100 उम्मीदवारों में से लगभग 10% समुदाय ऐसे तबके से हैं, जिन्हें सभी धार्मिक समूहों में सबसे ज्यादा पिछड़ा माना जाता है। दरअसल, संघर्षग्रस्त जम्मू-कश्मीर के उम्मीदवारों ने इसमें नेतृत्व किया - बिलाल मोहियद दीन भट्ट ने दसवीं रैंक और 13 अन्य सफल हुए हैं ।

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए भट्ट ने कहा की "यदि आप अपनी क़ाबलियत को मज़ीद धक्का देने के लिए उत्साहित हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है। भट ने एचटी को बताया कि मेरी कामकाज कश्मीर के लिए बहुत मायने रखती है, और नागरिकों में करियर की तलाश और उनको प्रेरित करने के लिए मेरी अहम् भूमिका होगी |

अब्दुल जब्बार (28) ने सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए पहला मिओ मुस्लिम बनकर इतिहास रचा । वह राजस्थान के मेवाट क्षेत्र के भरतपुर से हैं, जिन्होंने गौ रक्षकों द्वारा डेयरी मालिक पेहलू खान की हत्या पर बोलकर अप्रैल में खबरों में बने हुए थे |



उन्होंने कहा की "मैं चाहता हूं कि मेवाट की यह छवि बदल जाए | "यह जगह आपराधिक गतिविधियों और पिछड़ेपन का पर्याय बन गया है। बच्चे या तो स्कूल से दूर रहते हैं या अपराध की दुनिया में प्रवेश करने के लिए निकाल पड़ते हैं। "

सिविल सेवा परीक्षा में मुसलमानों की संख्या अब लगातार बढ़ती हुई देखि जा रही है। 2013 में समुदाय के 30 उम्मीदवारों ने इसे पास किया था, जबकि 2014 में यह संख्या 34 हो गई, 2016 में 36 और 2018 में 50 हुई है |

हालांकि भारत में मुसलमानों की आबादी 13.4% है, लेकिन शैक्षिक सुविधाओं और संसाधनों की कमी के कारण उन्हें शीर्ष सरकारी सेवाओं में निराशाजनक प्रतिनिधित्व मिलता रहा है।

"औसतन, केवल 3% मुसलमानों ने पिछले कुछ वर्षों में सिविल सेवा परीक्षा पास की है। लखनऊ गाइडेंस सेंटर के प्रशासक आगा पेवेज़ मसिह ने मुस्लिम छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करते हुए कहा, उन्होंने कहा की "यदि आप ध्यान देते हैं कि भारत की लगभग 14% आबादी मुसलमानो की है, तो यह एक बहुत ही निराशाजनक है के अब भी हम काफी पीछे हैं | मुसलमानो को और ज़्यादा मेहनत कर आगे बढ़ना होगा |

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