अल्लाह की अदालत सबसे उच्च न्यायालय है, जहां हर किसी को उसके पाप का हिसाब देना होगा : आशिफ़ा के पिता | Allah's Court Is Highly Superior Than Any Court And Everyone Has To Face For Their Deed.

अल्लाह की अदालत सबसे उच्च न्यायालय है, जहां हर किसी को उसके पाप का हिसाब देना होगा : आशिफ़ा के पिता | Allah's Court Is Highly Superior Than Any Court And Everyone Has To Face For Their Deed.

Ashifa Picture and People Protesting For Here Justice

यह आवाज़ उस पिता की है जिसने हाल ही में अपनी मासूम सी बच्ची को खोया है | जब कुछ हिन्दुओं ने जिसमें तथाकथित पुलिस कर्मी भी शामिल था बच्ची को अगवा करके उसे मंदिर में भयावह ढंग से रक्खा और रोज़ उसी मंदिर के अंदर एक मासूम सी बच्ची के साथ बलात्कार करता रहा | यह जानवर ऐसे हैं जिन्हें अगर मौत की सजा नहीं हुई तोह यह हिंदुस्तान के लिए एक शर्मनाक दाग़ बन कर रह जायेगा | यह मामला ऐसा है जिसे आप अगर विस्तार से पढ़ेंगे तोह आपकी रूह तक काँप जाएगी अब ज़रा सोचिये के उस मासूम सी बच्ची के ऊपर किया गुज़री होगी जिसे न हिन्दू का पता था और न ही मुस्लमान का, उसका क़सूर महज़ इतना था के वह एक सभ्य मुस्लिम समाज से ताल्लुक़ रखती थी और अपने जानवरों को हर रोज़ चारा खिलने के लिए जंगल में ले जाया करती थी |

कठवा, जम्मू कश्मीर का यह हादसा दिल दहला देने वाला है और जिसमें हिंदुस्तान के वह सब लोग शामिल दिखाई दिए जिनका काम इस मासूम बच्ची को इन्साफ दिलवाना था, वकीलों से लेकर पुलिस वालों ने और साथ ही हिन्दुओं के एक समूह ने इस बच्ची के लिए नहीं बल्कि दोषियों को बचाने के लिए हिंदुस्तान के तिरंगे का इस्तेमाल किया और सड़कों पर निकल कर जय श्री राम का नारा लगाया गोया उन्होंने पुन्य का काम किया हो | यह समझ से परे है के कोई इतना गन्दा और घिनौना कैसे हो सकता है जिसे उस बच्ची के दर्द और चीख का एक ज़रा एहसास नहीं और ऊपर से इस पर गर्व करते हुए अपने हिन्दू भगवान् श्री राम के नाम का नारा लगाया जाता हो | यह बेहद शर्मनाक और इंसानियत से गया गुज़रा अमल देखा है हमने | इतनी ओछी मानस्किता के लोग भी हिन्दुस्तान की सर ज़मीन पर बास्ते हैं |

श्रीनगर: इस साल जनवरी के मध्य में जम्मू कश्मीर के कथुआ जिले में एक मंदिर के अंदर क्रूरता से बच्ची आशिफ़ा के साथ हिन्दुओं ने सामूहिक बलात्कार कर हत्या कर दी | आठ वर्षीय लड़की के पिता ने अपने दिल के दर्द को ज़ाहिर करते हुए टिप्पणियां कीं बता दें के उनके पिता को हिन्दुओं के एक समूह ने घरबार छोड़ने पर भी मजबूर कर दिया साथ ही तिरंगा यात्रा निकल कर उनकी मासूम बेटी और अभियुक्त के मुकदमे को रोकने के प्रयास भी किये |

तीन महीने के कठिन, बाधाओं की जांच के बाद, जम्मू और कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने कठुआ अदालत में चार्जशीट सोमवार की रात (9 अप्रैल) में आरोपी लोगों के समर्थन में दर्जनों वकीलों द्वारा आक्रामक विरोध के बीच जमा किया | सोच लीजिए के यह चार्जशीट बलात्कार के तीन महीने बाद तब जमा की गयी जब लोगों का जान सैलाब सामने आया और लोगों ने इन्साफ की आवाज़ लगाई वर्ण यह मामला पहले ही दबा दिया जाता | इससे पहले, जम्मू-कश्मीर सरकार के कुछ भाजपा मंत्रियों ने उन लोगों का समर्थन किया जो आरोपी की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और जिसमें पुलिस कर्मियों से लेकर वकीलों का समूह भी शामिल था ।

इनसब के बीच जब हमने बच्ची के पिता से बात की तोह उनका दर्द कराहते हुए सामने आया और उन्होंने कहा " “Humari sab se badi adalat woh Allah ki adalat hai, jisme har kisi ka faisla hota hai. Humne usi adalat pe chhod diya hai. Jo mera Rab karega, bas (Our highest court is that of Allah, in which everyone is put on trial. We have left the matter to that court, whatever my Allah will decide is final),”

पिता ने यह बात कहा, यह परिवार खाना बदोश की ज़िन्दगी गुज़ारता है | उनके पास तक़रीबन 200-250 भेड़ और बकरी, एक दर्जन से अधिक घोड़े हैं और यह गर्मियों के मौसम में एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं और इन दिनों गाओं वालों के ज़ुल्म के बाद कारगिल के लिए रवाना हो गए ।

जिसतरह से इस पूरे मुद्दे पर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा था, उनके पिता कहते है कि वह तोह नहीं जानती थी कि हिंदू या मुस्लिम भी होते हैं ।

पिता ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा के “Usey apney haath aur paun mein pata nahin tha, ki mera daayan haath kaun sa hai aur baayan haath kaun sa hai. Kabhi usney yeh nahin samjha ki Hindu kya hota hai aur Musalmaan kya hota hai (She couldn’t tell which hand was right and which left. She never thought who was a Hindu, who a Muslim),”

उनके पिता यह जानकर दुखी हैं कि उनकी 8 साल की मासूम सी बेटी का पास के एक मंदिर में बलात्कार किया गया और बाद में पत्थर से सर कुचल कर हत्या कर दी गई जहाँ से वह हर दिन गुज़रते थे ।

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