ट्रिपल तालाक विधेयक पर बोले ग़ुलाम नबी आज़ाद "मोदी सरकार मुस्लिम औरतों को भर्मित कर रही है" | Modi Government Is Trying To Mislead Muslim Women On Triple Talaq.

ट्रिपल तालाक विधेयक पर बोले ग़ुलाम नबी आज़ाद  "मोदी सरकार मुस्लिम औरतों को भर्मित कर रही है" | Modi Government Is Trying To Mislead Muslim Women On Triple Talaq.


कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस विधेयक में कई खराबियां हैं, जिसमें अपराधी पहलू भी शामिल है, साथ ही इसमें पति को जेल की सजा का सामना करने के साथ साथ पति को महिला के गुज़र बसर के लिए भत्ता भी देना पड़ेगा जो किसी भी हालत में सही नहीं है"

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर ट्रिप्पले तलाक़ विधेयक पर मुस्लिम महिलाओं को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यसभा में लगभग 18 विपक्षी पार्टियां इस बिल में मौजूद "दोष" को सुधारने के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास बिल को भेजना चाहती हैं। 

आजाद, जो के राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने भाजपा को राजनीतिक लाभ के लिए कानून का ग़लत तरीके से इस्तेमाल करने की मांग करने का भी आरोप लगाया ।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा में स्थायी समिति को बिल का संदर्भ देने की मांग को स्वीकार नहीं किया है और अब वह राज्यसभा में चयन समिति को भेजने की मांग को स्वीकार नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास ऊपरी सदन में स्पष्ट संख्यात्मक बहुमत है, जहां सरकार के प्रयासों के बावजूद बुधवार को विधेयक पर चर्चा नहीं की जा सकती।

" यदि सरकार ने विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग से सहमत नहीं होती, तो यह समझा जा सकता है कि भाजपा को संवैधानिक लोकतंत्र में विश्वास नहीं है "

"हमारे पास संख्या है या सदस्यों की गिनती हमारे पास 148 हैं और वह करीब 75 हैं। इस मुद्दे पर लगभग 18 विपक्षी पार्टियां भी एकजुट हैं, "उन्होंने कहा, अगर सरकार चयन समिति को बिल भेजने की मांग से सहमत नहीं है, तो" यह समझा जा सकता है कि भाजपा को संसदीय लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है "।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस विधेयक में कई खराबियां हैं, जिसमें अपराधी पहलू भी शामिल है, साथ ही इसमें पति को जेल की सजा का सामना करने के साथ साथ पति को महिला के गुज़र बसर के लिए भत्ता भी देना पड़ेगा जो किसी भी हालत में सही नहीं है"

आज़ाद ने बताया के "जब पति जेल में रहेगा तोह घर के खर्च का भुगतान कौन करेगा ? हमने प्रस्तावित किया कि ऐसे हालात में सरकार को भुगतान करना होगा लेकिन वे इसपर सहमत नहीं हैं। क्या यह महिलाओं के साथ अन्याय नहीं है? ।

साथ ही आजाद ने कहा कि बहुत से मुसलमान गरीब रेखा में ज़िन्दगी गुज़ारते हैं और रोजाना मजदूरी करते हैं और अगर इन हालात में किसी व्यक्ति को जेल की सजा मिलती है तो वह अपने परिवार और माता-पिता का साथ नहीं दे पायेगा और ऊपर से आर्थिक तंगी के कारन घरों में बिखराओ पैदा होगा ।

"यह सरकार लोगों और मुस्लिम महिलाओं को गुमराह कर रही है यह (वर्तमान विधेयक) शायद भाजपा को राजनीतिक रूप से उपयुक्त बनाती है, लेकिन मुस्लिम महिलाओं के ऊपर सीधा सीधा अन्याय है। आप मुस्लिम महिलाओं के नाम पर वोट लेने का प्रयास कर रहे हैं मगर पति के जेल जाने पर उनकी रहन सहन और भोजन सुविधाओं के लिए खामोश हो जाते हैं" यह बीजेपी का ब्लंडर है " 

"भाजपा मुसलमानों के मसीहा होने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें बेवकूफी बना रही है। बिल में सिवाए धोके के मुस्लिम महिलाओं के लिए कुछ नहीं है "।

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